मुंबई: शेयर बाजार आज उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन वहीं गौतम अडाणी के सभी शेयरों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस इजाफा का कारण सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया फैसला है. शुक्रवार को एससी द्वारा अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया गया है. जिसके बाद अरबपति गौतम अडाणी की बेल्ट के सभी 10 स्टॉक मंगलवार (28 नवंबर) को ग्रीन जोन में कारोबार कर रहे हैं. अडाणी ग्रुप की प्रमुख यूनिट अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के शेयर 6 फीसदी से अधिक बढ़कर 2,376.65 रुपये पर कारोबार कर रहे है. एमकैप में 15 अरब डॉलर जुड़े है.
इन शेयरों में आए उछाल
अडाणी टोटल गैस के शेयर 20 फीसदी, अडाणी पावर के शेयर में 7 फीसदी, अडाणी पोर्ट सहित अडाणी ग्रुप के अन्य शेयर 3 फीसदी के बढ़ोतरी के साथ कारोबार कर रहे है. अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 12 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 7 फीसदी, एनडीटीवी में 5 फीसदी, अडाणी विल्मर में 5 फीसदी, एसीसी में 3 फीसदी, जबकि अंबुजा सीमेंट्स में 3 फीसदी, की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक सेबी को सभी 24 मामलों में जांच पूरी करनी होगी. बाजार नियामक ने 25 अगस्त को अडाणी समूह द्वारा स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों की अपनी जांच पर एक महत्वपूर्ण स्थिति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. बता दें कि सेबी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली गई है.
सेबी ने क्या कहा?
सेबी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया किया कि उसे अडाणी समूह की जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हिंडनबर्ग मामले से संबंधित 24 में से 22 मामले पहले ही सुलझ चुके हैं. जांच के बाकी पहलू विदेशी नियामक संस्थाओं के डेटा पर निर्भर हैं. मुख्य न्यायाधीश डी. चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के तीन-न्यायाधीशों के पैनल ने अदानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है और सोमवार तक लिखित प्रस्तुतियां देने को कहा है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट
24 जनवरी को, अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें अडाणी ग्रुप पर अपने स्टॉक की कीमतों को आर्टिफिशियल रूप से बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. ग्रुप ने इस आरोप को पूरी तरह से खंडन कर दिया है.