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KMPO से जुड़ी 2000 महिलाएं डेढ़ साल के भीतर बनी लाखों की मालकिन

काशी दुग्ध उत्पादक संगठन (केएमपीओ) से जुड़ी महिलाएं समृद्धि एवं सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं. परिचालन शुरू करने के महज 18-19 महीनों में केएमपीओ से जुड़ी 2,000 महिलाएं लखपति बन गई हैं. (2000 women associated with KMPO, 2000 women became owners of lakhs, Kashi Milk Producer Organization)

women associated with KMPO
दुग्ध उत्पादक संगठन
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By PTI

Published : Nov 6, 2023, 2:53 PM IST

वाराणसी: काशी दुग्ध उत्पादक संगठन (केएमपीओ) से जुड़ी महिलाएं समृद्धि एवं सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं. परिचालन शुरू करने के महज 18-19 महीनों में केएमपीओ से जुड़ी 2,000 महिलाएं लखपति बन गई हैं. केएमपीओ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. मनवीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 20,000 से अधिक महिलाओं के स्वामित्व वाले केएमपीओ को 2023-24 में 200 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद है. सिंह ने यहां बताया कि संगठन की आय में यह छह गुना वृद्धि होगी, क्योंकि नौ मार्च, 2022 को परिचालन शुरू करने के बाद पहले पूर्ण वित्त वर्ष (2022-23) में संगठन ने 37 करोड़ रुपये की आमदनी की थी.

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दुग्ध उत्पादक संगठन

उन्होंने कहा कि ये महिलाएं चुपचाप अपना काम (दुग्ध आपूर्ति) कर रही हैं और डेयरी क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने का संकेत दे रही हैं. इस प्रक्रिया में अब तक हमने 2,000 दीदी को लखपति बनते देखा है, और साल के अंत तक यह संख्या 3,000 को पार कर जायेगी. इसका श्रेय सदस्यों को मिलने वाले पारदर्शी खरीद मूल्य को जाता है. उन्होंने बताया कि हमारे 18-19 महीने के परिचालन में एक सदस्य ने तो केएमपीओ को दूध बेचकर 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. हमने अगले वित्त वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य रखा है। दूध की थोक बिक्री के साथ हम काशी के अद्भुत स्वाद वाले पैक उत्पाद भी लेकर आएंगे.

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दुग्ध उत्पादक संगठन
डेयरी क्षेत्र के विकास में डाक्टर मीनेश शाह के नेतृत्व में एनडीडीबी की महती भूमिका का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तत्वाधान में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की इकाई एनडीडीबी डेरी सर्विसेज (एनडीएस) के तकनीकी सहयोग से 'काशी दुग्ध उत्पादक संगठन' का गठन हुआ. चंदौली जिले से आने वालीं केएमपीओ की चेयरपर्सन सरिता देवी ने कहा कि हमारी कुल आय में से 90 प्रतिशत दूध की कीमत और प्रोत्साहन के रूप में सदस्य किसानों को भुगतान के तौर पर दिया गया. हमारे सभी सदस्य सहयोग के लिए एनआरएलएम, राज्य सरकार, एनडीएस और एनडीडीबी के आभारी हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि आज संगठन का दुग्ध संग्रह 1.15 लाख लीटर प्रति दिन के सर्वोच्च आंकड़े तक जा चुका है. अगले साल दूध की खरीद के लिए वाराणसी और भदोही जिलों में भी विस्तार के साथ हम कम से कम 300 गांव और जोड़ेंगे और बलिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली जैसे पांच जिलों में विस्तार भी करेंगे.

वाराणसी: काशी दुग्ध उत्पादक संगठन (केएमपीओ) से जुड़ी महिलाएं समृद्धि एवं सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं. परिचालन शुरू करने के महज 18-19 महीनों में केएमपीओ से जुड़ी 2,000 महिलाएं लखपति बन गई हैं. केएमपीओ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. मनवीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 20,000 से अधिक महिलाओं के स्वामित्व वाले केएमपीओ को 2023-24 में 200 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद है. सिंह ने यहां बताया कि संगठन की आय में यह छह गुना वृद्धि होगी, क्योंकि नौ मार्च, 2022 को परिचालन शुरू करने के बाद पहले पूर्ण वित्त वर्ष (2022-23) में संगठन ने 37 करोड़ रुपये की आमदनी की थी.

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दुग्ध उत्पादक संगठन

उन्होंने कहा कि ये महिलाएं चुपचाप अपना काम (दुग्ध आपूर्ति) कर रही हैं और डेयरी क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने का संकेत दे रही हैं. इस प्रक्रिया में अब तक हमने 2,000 दीदी को लखपति बनते देखा है, और साल के अंत तक यह संख्या 3,000 को पार कर जायेगी. इसका श्रेय सदस्यों को मिलने वाले पारदर्शी खरीद मूल्य को जाता है. उन्होंने बताया कि हमारे 18-19 महीने के परिचालन में एक सदस्य ने तो केएमपीओ को दूध बेचकर 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. हमने अगले वित्त वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य रखा है। दूध की थोक बिक्री के साथ हम काशी के अद्भुत स्वाद वाले पैक उत्पाद भी लेकर आएंगे.

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डेयरी क्षेत्र के विकास में डाक्टर मीनेश शाह के नेतृत्व में एनडीडीबी की महती भूमिका का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तत्वाधान में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की इकाई एनडीडीबी डेरी सर्विसेज (एनडीएस) के तकनीकी सहयोग से 'काशी दुग्ध उत्पादक संगठन' का गठन हुआ. चंदौली जिले से आने वालीं केएमपीओ की चेयरपर्सन सरिता देवी ने कहा कि हमारी कुल आय में से 90 प्रतिशत दूध की कीमत और प्रोत्साहन के रूप में सदस्य किसानों को भुगतान के तौर पर दिया गया. हमारे सभी सदस्य सहयोग के लिए एनआरएलएम, राज्य सरकार, एनडीएस और एनडीडीबी के आभारी हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि आज संगठन का दुग्ध संग्रह 1.15 लाख लीटर प्रति दिन के सर्वोच्च आंकड़े तक जा चुका है. अगले साल दूध की खरीद के लिए वाराणसी और भदोही जिलों में भी विस्तार के साथ हम कम से कम 300 गांव और जोड़ेंगे और बलिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली जैसे पांच जिलों में विस्तार भी करेंगे.

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