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साप्ताहिक बाजार अपडेट: भारतीय शेयर बाजार में दिखा मंदी का दौर, सेंसेक्स 455 अंक नीचे - निफ्टी

बाजार के सप्ताह भर का लेखा जोखा लगाया जाए तो बाजार में औसत गिरावट का ही सिलसिला देखने को मिला, सेंसेक्स 455 अंक नीचे तक गिरा.

साप्ताहिक बाजार अपडेट: भारतीय शेयर बाजार में दिखा मंदी का दौर, सेंसेक्स 455 अंक नीचे
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Published : Jul 27, 2019, 1:35 PM IST

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह काफी उठापटक के दौर से गुजरा और सप्ताह अंत के दौरान यह कारोबारियों के लिए राहत लेकर आया.

बाजार के सप्ताह भर का लेखा जोखा लगाया जाए तो बाजार में औसत गिरावट का ही सिलसिला देखने को मिला. पिछले साप्ताहिक कारोबार के अंतिम दिन सेंसेक्स 560 अंक कम होकर 38,337 पर बंद हुआ. इस शुक्रवार को बीएसई इंडेक्स सेंसेक्स में राहत मिली जो कि 52 अंक चढ़कर कर 37,882.79 पर बंद हुआ. इसी के साथ पूरे सप्ताह भर में सेंसेक्स में 454.22 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें: छह लगातार सत्रों की गिरावट के बाद बाजार में तेजी, यस बैंक 9 फीसदी चढ़ा

इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी पिछले शुक्रवार को 178 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,419 पर बंद हुआ और इस शुक्रवार को भी करीब 32.15 अंकों की गिरावट के साथ 11,284.30 पर रहा. जिसके साथ ये साप्ताहिक तौर पर 135.25 अंकों की गिरावट पर बंद हुआ.

हालांकि सप्ताह के शुरुआत में बाजार की शुरुआत अच्छी नहीं हुई, क्योंकि आटो सेक्टर्स के नतीजे संन्तोष जनक नही रहे, जिसके कारण बाजार शुरूआती दौर में मायूसी भरा रहा. बीएसई के ऑटो सेक्टर के सूचकांकों में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई.

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने शुक्रवार को कम बिक्री के कारण 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में शुद्ध लाभ में 1,376.8 करोड़ रुपये की कमी के साथ 31.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की.

तो वहीं बजाज ऑटो के नतीजे भी निराशाजनक रहे 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में 2.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,012.16 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी ने 1,041.77 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.

इसके पीछे की एक वजह ये भी रही की वायदा बाजार की एक्सपायरी भी 25 जुलाई को थी जिसका बाजार पर खासा असर देखने को मिला.

कारोबारियों ने कहा कि कमजोर तिमाही नतीजे, सुस्त पड़ते उपभोग तथा पहले से ऊंचे मूल्यांकन के कारण भी धारणा प्रभावित हुई.

ग्लोबल बाजार की बात करें तो ग्लोबल बाजार में भी निराशा ही देखने को मिली जिसका भी भारतीय बाजार पर निगेटिव असर रहा. वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार में भी कमजोरी का रुख रहा.

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह काफी उठापटक के दौर से गुजरा और सप्ताह अंत के दौरान यह कारोबारियों के लिए राहत लेकर आया.

बाजार के सप्ताह भर का लेखा जोखा लगाया जाए तो बाजार में औसत गिरावट का ही सिलसिला देखने को मिला. पिछले साप्ताहिक कारोबार के अंतिम दिन सेंसेक्स 560 अंक कम होकर 38,337 पर बंद हुआ. इस शुक्रवार को बीएसई इंडेक्स सेंसेक्स में राहत मिली जो कि 52 अंक चढ़कर कर 37,882.79 पर बंद हुआ. इसी के साथ पूरे सप्ताह भर में सेंसेक्स में 454.22 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.

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इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी पिछले शुक्रवार को 178 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,419 पर बंद हुआ और इस शुक्रवार को भी करीब 32.15 अंकों की गिरावट के साथ 11,284.30 पर रहा. जिसके साथ ये साप्ताहिक तौर पर 135.25 अंकों की गिरावट पर बंद हुआ.

हालांकि सप्ताह के शुरुआत में बाजार की शुरुआत अच्छी नहीं हुई, क्योंकि आटो सेक्टर्स के नतीजे संन्तोष जनक नही रहे, जिसके कारण बाजार शुरूआती दौर में मायूसी भरा रहा. बीएसई के ऑटो सेक्टर के सूचकांकों में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई.

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने शुक्रवार को कम बिक्री के कारण 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में शुद्ध लाभ में 1,376.8 करोड़ रुपये की कमी के साथ 31.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की.

तो वहीं बजाज ऑटो के नतीजे भी निराशाजनक रहे 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में 2.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,012.16 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी ने 1,041.77 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.

इसके पीछे की एक वजह ये भी रही की वायदा बाजार की एक्सपायरी भी 25 जुलाई को थी जिसका बाजार पर खासा असर देखने को मिला.

कारोबारियों ने कहा कि कमजोर तिमाही नतीजे, सुस्त पड़ते उपभोग तथा पहले से ऊंचे मूल्यांकन के कारण भी धारणा प्रभावित हुई.

ग्लोबल बाजार की बात करें तो ग्लोबल बाजार में भी निराशा ही देखने को मिली जिसका भी भारतीय बाजार पर निगेटिव असर रहा. वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार में भी कमजोरी का रुख रहा.

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