मुंबई : शेयर बाजार में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 185 अंक की तेजी के साथ 39,056 अंक के अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 11,700 के स्तर से ऊपर बंद हुआ. रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद तथा मजबूत धारणा से मुख्य रूप से वाहन, आईटी तथा बैंक शेयरों की लिवाली से बाजार में तेजी आयी.
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स बढ़त के साथ 38,988.57 अंक पर खुला. कारोबार के दौरान यह रिकार्ड 39,121.69 अंक तक चला गया. निचले स्तर पर यह 38,846.96 अंक तक आया, पर अंत में यह 184.78 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 39,056.65 अंक पर बंद हुआ.
इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 44.05 अंक या यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,713.20 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 11,711.55 से 11,729.20 अंक के दायरे में रहा.
बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अशाीष कुमार चौहान ने पीटीआई भाषा से कहा, "यह बीएसई के लिये गर्व की बात है कि सेंसेक्स ने 40 साल पूरा कर लिया है. यह भारत का पहला वास्तविक समय सूचकांक है. आज की तारीख में यह भारत के शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की कल्पना में एक पैमाना बना हुआ है."
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 40 साल में इसने संचयी रूप से 17 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है जो देश में किसी भी संपत्ति के मुकाबले सर्वाधिक रिटर्न है. सेंसेक्स के शेयरों में टाटा मोटर्स शीर्ष पर रहा. कंपनी का शेयर 8 प्रतिशत से अधिक मजबूत हुआ. पिछले दो साल में वाहन बनाने वाली कंपनियों का शेयर करीब 16 प्रतिशत चढ़ा है.
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लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में भारती एयरटेल, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक तथा भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं. इसमें 5 प्रतिशत तक की तेजी आयी. वहीं दूसरी तरफ मुनाफावसूली के कारण बजाज आटो, सन फार्मा, वेदांता, टाटा स्टील, एचसीएल टेक तथा एचडीएफसी बैंक के शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया. खंडवार सूचकांकों में रीयल्टी, दूरसंचार, वाहन तथा आईटी सर्वाधिक लाभ में रहे.
दूसरी तरफ तेल एवं गैस, रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, मूल सामान सूचकांक नुकसान में रहे. विश्लेषकों के अनुसार आरबीआई द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद में विदेशी नकदी का प्रवाह तथा कंपनियों की आय में सुधार से बाजार में स्थिरता आएगी. नये वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिये रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई.
विशेषज्ञ रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. निवेशकों को आरबीआई की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक पर नजर है. विशेषज्ञों को भरोसा है कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी रही.
इस बीच, डॉलर के मुकाबले रुपया 40 पैसे मजबूत होकर 68.74 के स्तर पर पहुंच गया. इसके अलावा घरेलू बाजार का मजबूत वैश्विक धारणा का भी प्रभाव पड़ा है. चीन और अमेरिका में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी से निवेशकों में उत्साह है. वैश्विक वृहत आर्थिक तस्वीर में सुधार के मजबूत संकेत के बीच वाल स्ट्रीट में तेजी का असर एशियाई शेयर बाजारों पर पड़ा.