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डॉलर के मजबूत होने से रिकॉर्ड निचले स्तर पर आया रुपया - रुपया

अंतरबैंकिंग मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 76.07 प्रति डॉलर के भाव पर खुला, लेकिन इसने जल्द ही अपनी बढ़त गंवा दी और पिछले बंद भाव के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ 76.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान रुपये में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया और इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.99 के उच्च स्तर और 76.48 के निचले स्तर को छूआ.

डॉलर के मजबूत होने से रिकॉर्ड निचले स्तर पर आया रुपया
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Published : Apr 15, 2020, 11:27 PM IST

मुंबई: विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के कारण बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 17 पैसे गिरकर सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. यह 76.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर में तेजी आने से स्थानीय मुद्रा पर दबाव बना. इसके अलावा घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभावों को लेकर भी निवेशकों के बीच चिंता बनी हुई है.

अंतरबैंकिंग मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 76.07 प्रति डॉलर के भाव पर खुला, लेकिन इसने जल्द ही अपनी बढ़त गंवा दी और पिछले बंद भाव के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ 76.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान रुपये में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया और इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.99 के उच्च स्तर और 76.48 के निचले स्तर को छूआ. डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 76.27 पर बंद हुआ था.

विदेशी मुद्रा बाजार 14 अप्रैल को बाबा साहेब आम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में बंद था. बुधवार को घरेलू शेयर बाजार भी शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट में रहे. बीएसई का सेंसेक्स 310.21 अंक यानी 1.01 प्रतिशत गिरकर 30,379.81 अंक पर बंद हुआ.

छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.56 प्रतिशत की बढ़त लेकर 99.43 पर पहुंच गया. एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने से रुपया गिरा है, क्योंकि इसके कारण घरेलू के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यों का प्रवाह प्रभावित होगा.

ये भी पढ़ें: आईटी सेक्टर को 20 अप्रैल से काम शुरू करने की आंशिक छूट

कारोबारियों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के असर से संबंधित अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों की धारणाएं प्रभावित हैं.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज रिसर्च के परामर्श प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के द्वारा मांग में कमी का अनुमान जताने के बाद बाजार पर जोखिम के भाव हावी हो गये. आईईए ने नये अनुमान में कहा है कि इस साल कच्चा तेल की वैश्विक मांग रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर सकती है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के कारण बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 17 पैसे गिरकर सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. यह 76.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर में तेजी आने से स्थानीय मुद्रा पर दबाव बना. इसके अलावा घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभावों को लेकर भी निवेशकों के बीच चिंता बनी हुई है.

अंतरबैंकिंग मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 76.07 प्रति डॉलर के भाव पर खुला, लेकिन इसने जल्द ही अपनी बढ़त गंवा दी और पिछले बंद भाव के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ 76.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान रुपये में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया और इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.99 के उच्च स्तर और 76.48 के निचले स्तर को छूआ. डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 76.27 पर बंद हुआ था.

विदेशी मुद्रा बाजार 14 अप्रैल को बाबा साहेब आम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में बंद था. बुधवार को घरेलू शेयर बाजार भी शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट में रहे. बीएसई का सेंसेक्स 310.21 अंक यानी 1.01 प्रतिशत गिरकर 30,379.81 अंक पर बंद हुआ.

छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.56 प्रतिशत की बढ़त लेकर 99.43 पर पहुंच गया. एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने से रुपया गिरा है, क्योंकि इसके कारण घरेलू के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यों का प्रवाह प्रभावित होगा.

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कारोबारियों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के असर से संबंधित अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों की धारणाएं प्रभावित हैं.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज रिसर्च के परामर्श प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के द्वारा मांग में कमी का अनुमान जताने के बाद बाजार पर जोखिम के भाव हावी हो गये. आईईए ने नये अनुमान में कहा है कि इस साल कच्चा तेल की वैश्विक मांग रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर सकती है.

(पीटीआई-भाषा)

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