बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: साल 2020 को सभी भौगोलिक क्षेत्रों में समान रूप से कहर बरसाने के लिए भी याद रखा जाएगा, क्योंकि कोरोना वायरस ने एक स्वास्थ्य आपातकाल के अलावा एक बहुत बड़े वित्तीय संकट को भी जन्म दिया, जिसने लगभग हर किसी को प्रभावित किया.
इसके प्रभाव से कारोबार बंद हो गए, नौकरियां खत्म हो गईं, वेतन में कटौती हुई. इन सबके अलावा शेयर बाजार अनिश्चित रही, सावधि जमा दरों में गिरावट आई और छोटी बचत योजनाओं के रिटर्न को भी धक्का लगा.
देश में बचत संस्कृति होने के बावजूद लोग व्यापक रूप से प्रभावति हुए, जिसका मुख्य कारण खराब वित्तीय नियोजन था.
ईटीवी भारत ने यह समझने चाहा कि 2020 के झटके सेक्या सबक लेना चाहिए और आने वाले 2021 के लिए वित्त योजना बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिसके लिए हमनें एक वित्तीय योजना और निवेश सलाहकार फर्म, मनी मंत्रा के संस्थापक विरल भट्ट के साथ बातचीत की.
1. एक आपातकालीन कोष
भट्ट ने कहा कि 2020 ने सबसे महत्वपूर्ण बात यह उजागर किया कि सभी को एक पर्याप्त आपातकालीन निधि की आवश्यकता होती है. वित्तीय योजनाकारों द्वारा इस बारे में अक्सर सलाह दी जाती है, लेकिन शायद ही कोई इसका पालन करता है.
आपातकालीन निधि मूल रूप से धन का एक कोष है जो किसी भी चिकित्सा या वित्तीय आपातकाल के लिए अल्प सूचना पर उपलब्ध होती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने बचत खाते में या नकदी के रूप में अलग से धन रखें.
इसका अर्थ यह है कि इस तरह से धन का निवेश किया जाए ताकि यह अत्यधिक तरल रूप में होने पर भी अच्छा प्रतिफल उत्पन्न करे. भट्ट ने इसके लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड्स, शॉर्ट-टर्म डेट फंड्स और आवर्ती जमाओं में निवेश करने का सुझाव दिया.
इसके अलावा, यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके आपातकालीन फंड के लिए कितनी राशि पर्याप्त है. भट्ट ने बताया कि इसके लिए जो आदर्श नियम है, वह यह कि आप अपनी मासिक आय का 3 से 5 गुना तक आपातकालीन निधि के रूप में रखें. उन्होंने कहा कि अच्छी आय वाले लोगों के लिए यह आपकी मासिक आय का 5-6 गुना या वार्षिक आय का 2-3 गुना तक भी बढ़ाया जा सकता है.
यदि किसी भी कारणवश आपकी आय प्रभावित होती है, तो यह आपातकालीन फंड बिना आपके दीर्घकालीन योजनाओं को प्रभावित किए हुए किराए, ईएमआई, शिक्षा शुल्क, स्वास्थ्य बिल इत्यादि का प्रबंधन कर सकता है.
2. जोखिम प्रबंधन
जोखिम योजना में मुख्य रूप से पर्याप्त स्वास्थ्य और जीवन बीमा कवर खरीदना शामिल है. भट्ट का कहना है कि जिस तरह से कोविड 19 लोगों के अस्पताल बिलों में इजाफा किया है, लोगों को अपने स्वास्थ्य कवरेजों पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.
भट्ट ने लोगों को देश में प्रचलित चिकित्सा लागतों को ध्यान में रखते हुए 2021 में अपनी स्वास्थ्य नीतियों की बीमा राशि बढ़ाने की सलाह दी.
जीवन बीमा के संदर्भ में भी, भट्ट लोगों को अपने मानव जीवन मूल्य (एचएलवी) को ध्यान रखने की सलाह दी, जो कि एक संख्या है जो भविष्य के आय व्यय, देनदारियों और निवेशों के वर्तमान मूल्य को बताता है, और तदनुसार अपने मूल्य को बढ़ाता है.
3. परिसंपत्ति आवंटन
यह वर्ष विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (इक्विटी, ऋण या सोना) के लिए अत्यंत अस्थिर था.
लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में दलाल स्ट्रीट में हुई गिरावट से निवेशकों के लाखों करोड़ों का नुकसान हुआ. इस साल बॉन्ड मार्केट में भी बड़े पैमाने पर 14 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ. सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई, लेकिन उतार-चढ़ाव काफी अप्रत्याशित और तेज थे.
भट्ट कहते हैं कि वर्ष 2020 ने यह भी सिखाया कि निवेश का विविधीकरण वास्तव में महत्वपूर्ण है.
जैसा कि हमेशा से आदर्श नियम रहा है कि निवेशकों को अपने सभी अंडे एक टोकरी में नहीं रखने चाहिए और परिसंपत्ति वर्गों के संयोजन में विविधता से पैसे के अपने जोखिमों को कम करना चाहिए.
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है और जोखिम लगातार बढ़ रहा है, जिससे 2021 की वित्तीय योजना में आवश्यक परिवर्तन करने से आप भविष्य की किसी भी दुर्घटना से निपटने के लिए बेहतर संरक्षित और सुसज्जित रह सकते हैं.
ये भी पढ़ें: जानिए विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों ने 2020 में किया कैसा प्रदर्शन