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मार्केट अपडेट: सेंसेक्स टूटा, रुपया लुढ़का

बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 62 पैसे की गिरावट के साथ 72.09 के दो महीने के निचले स्तर पर आ गया. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 229.02 अंकों की गिरावट के साथ 40,116.06 पर और व्यापक एनएसई निफ्टी 73 अंकों की गिरावट के साथ 11,840.45 पर बंद हुआ.

मार्केट अपडेट: सेंसेक्स टूटा, रुपया लुढ़का
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Published : Nov 13, 2019, 9:05 PM IST

मुंबई: औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने तथा अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर भ्रम बढ़ने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई जिससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 229 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ.

हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन का भी क्षेत्रीय शेयर बाजारों पर असर रहा.

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर 229.02 अंक यानी 0.57 प्रतिशत गिरकर 40,116.06 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान सूचकांक 386 अंक के दायरे में रहा.

ये भी पढ़ें: एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश अक्टूबर में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 8,246 करोड़ रुपये

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 73 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,840.45 अंक पर बंद हुआ.

दो महीने के निम्नतम स्तर पर रुपया

व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रुपये में तेज गिरावट ने भी निवेशकों की नींद उड़ा दी. इंट्रा-डे ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 72-स्तर से नीचे आ गया.

दिन के कारोबार में यह 72 रुपये के स्तर से नीचे दिन के निम्न स्तर 72.10 रुपये तक टूट गया और अंत में रुपये की निविमय दर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 62 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 72.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई.

मार्केट के बड़े फेरबदल

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान यस बैंक को हुआ. इसमें 6.51 प्रतिशत की गिरावट आयी. उसके बाद क्रमश: एसबीआई, एक्सिस बैंक, वेदांता, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, आईटीसी, इन्फोसिस तथा टेक महिंद्रा का स्थान रहा, जिसमें 3.69 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.

वहीं दूसरी तरफ टीसीएस, आरआईएल, एचयूएल, मारुति और एनटीपीसी 3.76 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ बंद हुये.

वैश्विक बाजार

एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को व्यापार के मामले में धोखेबाज कहा जबकि दूसरी तरफ 18 महीनों से जारी व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिये शुरूआती समझौते पर जोर दिया. इससे दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है.

शुरूआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा.

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सितंबर में 4.3 प्रतिशत घटा जो सात साल में सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन घटा है.

मुंबई: औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने तथा अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर भ्रम बढ़ने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई जिससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 229 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ.

हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन का भी क्षेत्रीय शेयर बाजारों पर असर रहा.

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर 229.02 अंक यानी 0.57 प्रतिशत गिरकर 40,116.06 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान सूचकांक 386 अंक के दायरे में रहा.

ये भी पढ़ें: एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश अक्टूबर में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 8,246 करोड़ रुपये

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 73 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,840.45 अंक पर बंद हुआ.

दो महीने के निम्नतम स्तर पर रुपया

व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रुपये में तेज गिरावट ने भी निवेशकों की नींद उड़ा दी. इंट्रा-डे ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 72-स्तर से नीचे आ गया.

दिन के कारोबार में यह 72 रुपये के स्तर से नीचे दिन के निम्न स्तर 72.10 रुपये तक टूट गया और अंत में रुपये की निविमय दर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 62 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 72.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई.

मार्केट के बड़े फेरबदल

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान यस बैंक को हुआ. इसमें 6.51 प्रतिशत की गिरावट आयी. उसके बाद क्रमश: एसबीआई, एक्सिस बैंक, वेदांता, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, आईटीसी, इन्फोसिस तथा टेक महिंद्रा का स्थान रहा, जिसमें 3.69 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.

वहीं दूसरी तरफ टीसीएस, आरआईएल, एचयूएल, मारुति और एनटीपीसी 3.76 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ बंद हुये.

वैश्विक बाजार

एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को व्यापार के मामले में धोखेबाज कहा जबकि दूसरी तरफ 18 महीनों से जारी व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिये शुरूआती समझौते पर जोर दिया. इससे दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है.

शुरूआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा.

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सितंबर में 4.3 प्रतिशत घटा जो सात साल में सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन घटा है.

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मुंबई: औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने तथा अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर भ्रम बढ़ने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई जिससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 229 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ.

हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन का भी क्षेत्रीय शेयर बाजारों पर असर रहा.

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर 229.02 अंक यानी 0.57 प्रतिशत गिरकर 40,116.06 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान सूचकांक 386 अंक के दायरे में रहा.

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 73 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,840.45 अंक पर बंद हुआ.

दो महीने के निम्नतम स्तर पर रुपया

व्यापारियों ने कहा कि भारतीय रुपये में तेज गिरावट ने भी निवेशकों की नींद उड़ा दी. इंट्रा-डे ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 72-स्तर से नीचे आ गया.

दिन के कारोबार में यह 72 रुपये के स्तर से नीचे दिन के निम्न स्तर 72.10 रुपये तक टूट गया और अंत में रुपये की निविमय दर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 62 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 72.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई.

मार्केट के बड़े फेरबदल

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान यस बैंक को हुआ. इसमें 6.51 प्रतिशत की गिरावट आयी. उसके बाद क्रमश: एसबीआई, एक्सिस बैंक, वेदांता, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, आईटीसी, इन्फोसिस तथा टेक महिंद्रा का स्थान रहा, जिसमें 3.69 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.

वहीं दूसरी तरफ टीसीएस, आरआईएल, एचयूएल, मारुति और एनटीपीसी 3.76 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ बंद हुये.

वैश्विक बाजार

एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को व्यापार के मामले में धोखेबाज कहा जबकि दूसरी तरफ 18 महीनों से जारी व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिये शुरूआती समझौते पर जोर दिया. इससे दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है.

शुरूआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा.

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सितंबर में 4.3 प्रतिशत घटा जो सात साल में सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन घटा है.

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