मुंबई: देश के शेयर बाजारों पर नये साल के दूसरे कारोबारी सप्ताह में पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का असर रहा. इस दौरान भारतीय शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिला. कच्चे तेल की कीमतें और रुपये में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा गया. वहीं सोने और चांदी के दाम भी पूरे हफ्ते उपर-नीचे होते रहे.
सप्ताह भर के कारोबार ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के आशंकाओं से प्रभावित रहे. पिछले सप्ताह तीन जनवरी की सुबह एक खबर आई कि ईरान के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी की अमेरिकी सैनिकों द्वारा हत्या कर दी गई. इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख जारी रहा. वहीं, क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई गयी.
खबर के आने के बाद भारतीय बाजारों के साथ-साथ विदेशी बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. इस दिन सेंसेक्स 162 और निफ्टी 55 अंक नीचे आ गया. इस बीच रुपया भी 42 पैसे गिरकर 71.80 रुपये प्रति डॉलर और ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 प्रतिशत बढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को चेतावनी के चलते एशियाई बाजार दबाव में खुले, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिला. कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 787.98 अंक और निफ्टी 233.60 की गिरावट के साथ बंद हुए. सेंसेक्स और निफ्टी में आठ जुलाई 2019 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट रही. लगातार दो कारोबारी दिवस में गिरावट के चलते सोमवार को निवेशकों की संपत्ति 3.36 लाख करोड़ रुपये घट गई.
इसके आलावे डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे गिरकर 71.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. वहीं कच्चे तेल का ब्रेंट क्रुड का भाव 69.64 डालर प्रति बैरल पर 1.37 प्रतिशत ऊंचा रहा.
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मंगलवार को बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सेंसेक्स सूचकांक में मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 500 अंकों की तेजी देखने को मिली. कारोबारियों के मुताबिक वैश्विक निवेशकों ने इस अनुमान पर दांव लगाया कि पश्चिम एशिया में तनाव अब और नहीं बढ़ेगा.
इसी दिन ईरान की संसद ने एक विधेयक पारित कर सभी अमेरिकी बलों को आतंकवादी घोषित कर दिया. इसके बाद फिर भारतीय बाजारों में गिरावट शुरु हो गई और दिन के अंत तक सेंसेक्स 500 अंक की तेजी से फिसल कर 192.84 अंकों की तेजी के साथ 40,869. इसी तरह निफ्टी भी 59.90 अंक की बढ़त के साथ 12,052.95 अंक पर बंद हुआ.
ईरान की ओर से इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद बुधवार को दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट आ गई. इन घटनाक्रमों से घरेलू बाजार भी एक समय काफी टूट गए थे, लेकिन बाद में कुछ सुधार के साथ ये मामूली नुकसान में बंद हुए.
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स अंत में 51.73 अंक या 0.13 प्रतिशत के नुकसान से 40,817.74 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27.60 अंक या 0.23 प्रतिशत के नुकसान से 12,025.35 अंक पर बंद हुआ.
कारोबारियों के मुताबिक, ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाये जाने के बाद पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ गया. इस वजह से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिला. बाद में भारतीय समय के अनुसार देर रात दस बजे ट्रंप ने प्रेस वार्ता बुलाई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है. उन्होंने साथ में ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की.
ट्रंप के इस शांति वाले बयान का असर गुरुवार को देखने को मिला. ईरान के समक्ष अमेरिका के शांति प्रस्ताव के बाद वैश्विक बाजारों में जबरदस्त सुधार देखा गया. गुरुवार यानि नौ जनवरी को सेंसेक्स ने 530 और निफ्टी ने 158 अंक की धमाकेदार शुरुआत की. ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65.70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. डॉलर के मुकाबले रुपया भी 48 पैसे उछलकर 71.21 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया.
दिन के अंत तक सेंसेक्स 635 अंक उछल कर 41,452 तो निफ्टी 190 का उछलकर 12,215 पर बंद हुआ. बाजार में इस बढ़त के कारण निवेशकों की पूंजी एक झटके में 2.25 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई.
शुक्रवार को अमेरिका और ईरान के मध्य तनाव कम होने की संभावना के बीच आईटी और बैंकिंग शेयरों में तेजी से बीएसई का सेंसेक्स शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 200 अंक से ज्यादा बढ़ गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव जारी रहा.
कारोबार के दौरान एक समय निफ्टी 12,311.20 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गया था.
हालांकि दिन के अंत तक सेंसेक्स 147.37 बढ़कर 41,599.72 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 40.90 अंक चढ़कर 12,256.80 अंक पर बंद हुआ.
वहीं, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले शुक्रवार को 27 पैसे बढ़कर 70.94 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.