नई दिल्ली: औद्योगिक उत्पादन तथा थोक व खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही परिणामों तथा कोरोना वायरस महामारी से जुड़े घटनाक्रमों से इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल तय होगी. विशेषज्ञों ने यह राय प्रकट की है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता के मद्देनजर निवेशकों की निगाहें वैश्विक संकेतों पर भी लगी रहेंगी.
पढ़िए वो महत्वपूर्ण प्रमुख वजहें जो आने वालें हफ्ते में बाजार की चाल तय करेंगी
- आर्थिक पैकेज: बाजार को उम्मीद है कि इस हफ्ते आर्थिक पैकेज का ऐलान हो सकता है.
- आर्थिक आंकडे़ं: आर्थिक मोर्चे पर औद्योगिक उत्पादन, थोक मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े जारी होने वाले हैं.
- तिमाही नतीजे: सप्ताह के दौरान मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक और बंधन बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के मार्च तिमाही के वित्तीय परिणाम भी जारी होने वाले हैं.
- कोरोना का प्रकोप: कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भारत में करीब 60 हजार हो चुकी है. इस महामारी के कारण देश में अब तक करीब दो हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है. वैश्विक स्तर पर इससे करीब 39 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 2,71,000 से अधिक लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है.
- अमेरिका-चीन तनाव: निवेशक अमेरिका और चीन के व्यापार तनाव से जुड़ी खबरों पर भी नजरें रखेंगे.
- आर्थिक गतिविधियां: निवेशक लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील देने तथा आर्थिक गतिविधियों को पुन: शुरू करने के विभिन्न देशों के प्रयासों पर भी गौर करेंगे.
- कमोडिटी पर भी नजर: बाजार कच्चे तेल तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी नजर रखेगा.
क्या कहते हैं ब्रोकर
- मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज- अभी तक के तिमाही परिणामों तथा कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियों से पता चलता है कि आने वाले समय में भी कंपनियों के नतीजों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. हम उम्मीद करते हैं कि निकट भविष्य में बाजार की चाल पर कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या, कोरोना वायरस के टीके से जुड़ी खबरों तथा अर्थव्यवस्था को पुन: शुरू करने के सरकारी व नियामकीय प्रयासों का असर पड़ेगा.
- रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड- कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तथा निराशाजनक तिमाही परिणाम सत्र जैसे घरेलू कारक आगे भी बाजार की धारणा पर हावी रहेंगे. इस सप्ताह वृहद आर्थिक मोर्चे पर औद्योगिक उत्पादन, थोक मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े जारी होने वाले हैं. शेयर बाजारों पर इनका भी असर पड़ेगा.सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये कर्ज जुटाने के कार्यक्रम को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये करने की शुक्रवार को घोषणा की. इससे राजकोषीय घाटा बजट में तय 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 5.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है. मिश्रा ने कहा कि निवेशक लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील देने तथा आर्थिक गतिविधियों को पुन: शुरू करने के विभिन्न देशों के प्रयासों पर भी गौर करेंगे.
- जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज- तिमाही परिणाम का सत्र सुस्त रहने की आशंका है. ऐसे में बाजार सरकार से एक अन्य राहत पैकेज की उम्मीद लगाये हुए है.
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.50 लाख करोड़ रुपये घटा
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले सप्ताह 2,50,825.28 करोड़ रुपये घट गया.
बीते सप्ताह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर रही। इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, एचडीएफसी, एयरटेल, इन्फोसिस, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी का स्थान रहा. सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,074.92 अंक यानी 6.15 प्रतिशत के नुकसान में रहा.
(पीटीआई-भाषा)