नई दिल्ली: आर्थिक समस्याओं से जूझ रही जेट एयरवेज के हालात वापस सुधरना मुश्किल होता जा रहा है. 17 अप्रैल से अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर बंद चुकी विमानन कंपनी के शेयर पिछले एक महीने में लगभग 50 प्रतिशत तक गिर चुके हैं.
कई बड़े अधिकारियों के लगातार कंपनी छोड़ने की मार झेल रहे जेट एयरवेज के शेयरों की कीमत पिछले तीन दिनों में ही 7 प्रतिशत तक गिर गए हैं.
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मंगलवार को जेट एयरवेज सीईओ विनय दुबे, सीएफओ अमित अग्रवाल समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जनवरी ने अपने वेतन नहीं मिल पाने से परेशान जेट के कर्मचारी लगातार कंपनी छोड़ते अ रहे हैं.
एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जबकि एसबीआई की अगुवाई वाला बैंकों का गठजोड़ एयरलाइन के लिए खरीदार ढूंढने का प्रयास कर रहा है. जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को कंपनी से 8,000 करोड़ रुपये वसूलने है.
ऋणदाताओं ने कंपनी की 31.2 से 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है. एसबीआई की मर्चेंट बैंकिंग इकाई एसबीआई कैप्स ने 26 बैंकों के गठजोड़ की ओर से 8 से 12 अप्रैल के दौरान रुचि पत्र मांगा था. उसे चार शुरुआती बोलियां मिली हैं. इन 26 बैंकों के पास एयरलाइन की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
पहले दौर की बोली के बाद निजी इक्विटी कंपनियों इंडिगो पार्टनर्स और टीपीजी, एतिहाद एयरवेज और सॉवरेन कोष एनआईआईएफ का नाम छांटा गया था. अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज ने जेट एयरवेज में बहुलांश हिस्सेदारी के लिए सीलबंद बोली दी है.