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इरडा ने कहा, बीमा कंपनियां निवेश करने से पहले केवल रेटिंग पर भरोसा नहीं करे - इक्रा

आईएलएफस समूह की खराब हालात देखते हुए बीमा नियामक ने बीमा कंपिनयों को सुझाव दिया है कि निवेश करते समय केवल कंपनी की रेटिंग पर भरोसा नहीं करें, बल्कि सोच-समझ कर फैसला लें.

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Published : Mar 6, 2019, 11:25 AM IST

मुंबई : भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को बीमा कंपनियों से अपने निवेश निर्णय को लेकर सतर्क रहने का निर्देश दिया. उसने कहा कि बीमा कंपनियों को निवेश को लेकर केवल साख निर्धारण एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि समस्याओं में फंसे आईएलएफस समूह की कुछ सूचीबद्ध कंपनियों की साख को इक्रा और केयर ने कम कर निवेश स्तर से नीचे कर दिया है. पिछले साल अगस्त से लगातार चूक को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

इरडा के चेयरमैन एस सी खुंटिया ने संवाददाताओं से कहा, "हमने बीमा कंपनियों से कहा है कि किसी भी कंपनी में निवेश से पहले केवल रेटिंग एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी इस पर सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए."

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के लिये यह अनिवार्य है कि वे उच्च रेटिंग वाले बांड में ही निवेश करें. यह पूछे जाने पर कि विभिन्न बीमा कंपनियों ने कर्ज में डूबी आईएलएफएस में निवेश किया जिसे एएए रेटिंग मिली थी. खुंटिया ने कहा कि कंपनियों को ऐसे मामलों पर गौर करना चाहिए और फिर उसी हिसाब से उनमें निवेश करने का निर्णय लेना चाहिए.
(भाषा)
पढ़ें : भारत का आयात शुल्क डब्ल्यूटीओ के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप : सरकार

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मुंबई : भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को बीमा कंपनियों से अपने निवेश निर्णय को लेकर सतर्क रहने का निर्देश दिया. उसने कहा कि बीमा कंपनियों को निवेश को लेकर केवल साख निर्धारण एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि समस्याओं में फंसे आईएलएफस समूह की कुछ सूचीबद्ध कंपनियों की साख को इक्रा और केयर ने कम कर निवेश स्तर से नीचे कर दिया है. पिछले साल अगस्त से लगातार चूक को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

इरडा के चेयरमैन एस सी खुंटिया ने संवाददाताओं से कहा, "हमने बीमा कंपनियों से कहा है कि किसी भी कंपनी में निवेश से पहले केवल रेटिंग एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी इस पर सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए."

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के लिये यह अनिवार्य है कि वे उच्च रेटिंग वाले बांड में ही निवेश करें. यह पूछे जाने पर कि विभिन्न बीमा कंपनियों ने कर्ज में डूबी आईएलएफएस में निवेश किया जिसे एएए रेटिंग मिली थी. खुंटिया ने कहा कि कंपनियों को ऐसे मामलों पर गौर करना चाहिए और फिर उसी हिसाब से उनमें निवेश करने का निर्णय लेना चाहिए.
(भाषा)
पढ़ें : भारत का आयात शुल्क डब्ल्यूटीओ के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप : सरकार

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आईएलएफस समूह की खराब हालात देखते हुए बीमा नियामक ने बीमा कंपिनयों को सुझाव दिया है कि निवेश करते समय केवल कंपनी की रेटिंग पर भरोसा नहीं करें, बल्कि सोच-समझ कर फैसला लें.

मुंबई : भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को बीमा कंपनियों से अपने निवेश निर्णय को लेकर सतर्क रहने का निर्देश दिया. उसने कहा कि बीमा कंपनियों को निवेश को लेकर केवल साख निर्धारण एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि समस्याओं में फंसे आईएलएफस समूह की कुछ सूचीबद्ध कंपनियों की साख को इक्रा और केयर ने कम कर निवेश स्तर से नीचे कर दिया है. पिछले साल अगस्त से लगातार चूक को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

इरडा के चेयरमैन एस सी खुंटिया ने संवाददाताओं से कहा, "हमने बीमा कंपनियों से कहा है कि किसी भी कंपनी में निवेश से पहले केवल रेटिंग एजेंसियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि स्वयं से भी इस पर सोच-विचार कर निर्णय करना चाहिए."

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के लिये यह अनिवार्य है कि वे उच्च रेटिंग वाले बांड में ही निवेश करें. यह पूछे जाने पर कि विभिन्न बीमा कंपनियों ने कर्ज में डूबी आईएलएफएस में निवेश किया जिसे एएए रेटिंग मिली थी. खुंटिया ने कहा कि कंपनियों को ऐसे मामलों पर गौर करना चाहिए और फिर उसी हिसाब से उनमें निवेश करने का निर्णय लेना चाहिए.

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