नई दिल्ली : खास कर बिजली संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयला आयात 2018-19 में 8.8 प्रतिशत बढ़कर 23.35 करोड़ टन पहुंच गया। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.
पोत परिवहन कंपनियों से मिले आंकड़ों तथा जहाजों की स्थिति पर नजर रखने वाली फर्म एमजंक्शन सर्विसेज के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2017-18 में कोयाला आयात 21.46 करोड़ टन था.
टाटा स्टील तथा सेल की संयुक्त उद्यम एमजंक्शन बी2बी (कंपनियों के बीच) ई-वाणिज्य कंपनी है. कंपनी कोयला तथा इस्पात क्षेत्रों के बारे में रिपोर्ट भी प्रकाशित करती है. एमजंक्शन सर्विसेज के अनुसार, "देश के 31 बड़े और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के जरिये कोयला और कोक आयात 2018-19 में 8.83 प्रतिशत बढ़कर 23.35 करोड़ टन (अस्थायी) रहा जो 2017-18 में 21.46 करोड़ टन (संशोधित) था."
गैर-कोकिंग कोयला आयात वित्त वर्ष 2018-19 में 16.42 करोड़ टन रहा, जो 2017-18 के 14.49 करोड़ टन के मुकाबले करीब 13.25 प्रतिशत अधिक है.
कोकिंग कोल का आयात आलोच्य वित्त वर्ष में 4.77 करोड़ टन पर स्थिर रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2017-18 में 4.72 करोड़ टन था. एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय वर्मा ने कहा, "वित्त वर्ष 2018-19 में तापीय बिजलीघरों के लिये कोयला आयात आशा के अनुरूप है. यह बिजलीघरों में हाल तक कोयले की कमी का नतीजा है. इसके विपरीत इस्पात खपत तथा कीमतों में खासकर चौथी तिमाही में नरम रुख से कोकिंग कोयला आयात सीमित रहा."
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