मुंबई: घर खरीदना आपके जीवन का सबसे बड़ा निवेश हो सकता है. यह एक काफी बड़ा काम है, जिसमें बेहद सोच समझकर योजना बनाने की ज़रूरत होती है. अंतिम फैसले से पहले यह योजना पैसे की बचत और काफी अधिक रिसर्च के आस-पास घूमती रहती है. खैर, हकीकत तो यह है कि होम इंश्योरेंस में निवेश किए बिना भी कोई व्यक्ति घर खरीद सकता है और यही कारण है कि ज्यादातर लोगों होम इंश्योरेंस के महत्व को ही नज़रअंदाज़ करते हैं.
घर मालिकों को लगता है कि होम इंश्यारेंस पूरी तरह से पैसों की बर्बादी है. वे मानकर चलते हैं कि यह अनिश्चित घटना के लिए एक निश्चित निवेश है. हालांकि, तेजी से बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं, आग, चोरी और सेंधमारी की घटनाओं के मद्देनजर भविष्य में किसी बड़े आर्थिक नुकसान से बचने के लिए सही होम इंश्योरेंस लेना बुद्धिमानी ही है. सिर्फ थोड़े एहतियात बरतने मात्र से आप आर्थिक नुकसान को टाल सकते हैं. चूंकि घर आपकी सबसे महत्वपूर्ण पूंजी में से एक है, इसलिए घर और इसकी सामग्री का इंश्योरेंस करवाना समझदारी भरा कदम है.
भूकंप
पिछले कुछ दशकों में भारत ने कुछ बड़े भूकंपों का सामना किया है, जिसमें लाखों लोगों की जान गई है और करोड़ो-अरबों रुपए की संपत्ति को क्षति पहुंची है. चाहे वह 26 जनवरी, 2001 को गुजरात या 8 अक्टूबर 2005 में कश्मीर में आए भूकंप हों, दोनों ही मामलों में कई लोगों ने अपनी संपत्ति गंवाई है. दूसरी चिंता का विषय यह है कि भूकंप जैसी ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं में हुई कुल आर्थिक हानि में 15 फीसदी का भी इंश्योरेंस नहीं था. भूकंप की स्थिति में अपनी संपत्ति को आर्थिक हानि से बचाने के लिए होम इंश्योरेंस लेना ही सबसे बेहतर है. लगभग सभी होम इंश्योरेंस पॉलिसी में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है. यह फीचर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में पहले से शामिल होता है और यह पॉलिसीधारक को घर व इसके सामान दोनों का इंश्यारेंस करवाने का विकल्प देता है.
आग
पिछले कुछ महीनों में देशभर के कई हिस्सों में आग लगने की घटनाएं सामने आईं है. 6 मार्च 2019 को दिल्ली स्थिति सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पंडित दीनदयाल अंत्योदय भवन की पांचवीं मंजिल में भीषण आग लग गई थी. इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी और लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. 12 फरवरी को दिल्ली के अर्पित पैलेस होटल में एक अन्य भीषण आग लगने की घटना हुई थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 17 लोगों की मृत्यु हुई थी. इस घटना में संपत्ति पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. इन दोनों ही मामलों में लाखों-करोड़ो की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
आग लगने की घटना में संपत्ति के नुकसान से होने वाली आर्थिक हानि से बचने के लिए अपनी संपत्ति जैसे घर, दुकान या बिल्डिंग का होम इंश्योरेंस करवाना सबसे बेहतर है. बाजार में उपलब्ध विभिन्न होम इंश्योरेंस पॉलिसी घर के दो प्रमुख भाग इसके ढांचे और सामग्री के लिए जरूरी कवरेज मुहैया कराती हैं. ये पॉलिसी आग या संबंद्धित आपदा में सभी साज-सामान और फिटिंग के लिए भी कवर मुहैया कराती है.
बाढ़, तूफान और बिजली गिरना
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दशक में भारत में प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी हुई है और इन आपदाओं से करोड़ों-अरबों रुपए का नुकसान हुआ है. ऐसे में बाढ़, तूफान और बिजली गिरने की आपदा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए होम इंश्योरेंस लेना सबसे बेहतर है. हालांकि पारंपरिक होम इंश्योरेंस पॉलिसी में उपरोक्त प्राकृतिक आपदाओं को कवर नहीं किया जाता है. आप इन आपदाओं से अपने घर और सामग्री को सुरक्षित करने के लिए एड-ऑन ले सकते हैं. हालांकि इनमें से अधिकतर एड-ऑन से पॉलिसी के प्रीमियम में बढ़ोतरी हो जाती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ यह आर्थिक हानि के विरुद्ध पूरा कवर मुहैया कराते हैं.
सेंधमारी और चोरी
भारत में सेंधमारी के मामले डरावनी कहानी बयां करते हैं! उपलब्ध डेटा के अनुसार भारत में घर में चोरी और सेंधमारी के मामले सालाना तकरीबन 20-27% फीसदी बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि मेट्रो सिटी में यह आंकड़े और भी ज्यादा हैं और अधिकतर शहरों में हर साल 4 हजार से 5 हजार ऐसी घटनाएं होती हैं. चोरी और सेंधमारी से होने वाली हानि से बचने के लिए विस्तृत होम इंश्योरेंस पॉलिसी (ढांचा+सामग्री) का सुझाव दिया जाता है, जिसमें इस तरह की घटनाओं को पहले ही इनबिल्ट फीचर की तरह शामिल किया जाता है. हालांकि कुछ बीमा कंपनियां इसे एड-ऑन के रूप में मुहैया कराती हैं. वहीं कुछ ऐसी भी पॉलिसी हैं जिनमें सेंधमारी को ध्यान में रखकर प्लान होते हैं और ये व्यवसायी संपत्तियों को चोरी और सेंधमारी के विरुद्ध कवर करती हैं.
होम इंश्योरेंस की लागत
50 लाख रुपए की कीमत तक के घर के इंश्योरेंस के लिए औसतन 2,200 से 2,600 रुपए तक सालाना प्रीमियम होता है. हालांकि विस्तृत होम इंश्योरेंस पॉलिसी जिसमें 50 लाख रुपए के घर के साथ 5 लाख रुपए तक सामग्री (फर्नीचर, घरेलू उपकरण आदि) भी शामिल होती है, उसका प्रीमियम औसतन 6,500 से 7,500 रुपए सालाना तक का हो सकता है.
(लेखक- तरुण माथुर, जनरल इंश्योरेंस बिजनेस प्रमुख, पॉलिसी बाजार डॉट कॉम)