ETV Bharat / business

अनावश्यक आयात को कम करने की नीति के तहत बढ़ाया गया सोने पर शुल्क : राजस्व सचिव - अजय भूषण पांडे

आम बजट 2019-20 में सोने एवं अन्य बहूमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसे लेकर कुछ हलकों से सोने की तस्करी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. इसी के जवाब में पांडे ने यह बात कही.

अनावश्यक आयात को कम करने की नीति के तहत बढ़ाया गया सोने पर शुल्क : राजस्व सचिव
author img

By

Published : Jul 8, 2019, 4:39 PM IST

नई दिल्ली: राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे का कहना है कि आम बजट में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क वृद्धि का निर्णय सरकार की अनावश्यक उत्पादों का आयात कम करने की नीति के तहत किया गया. रही बात तस्करी की, तो कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी.

पांडे ने कहा कि आर्थिक निर्णय संपूर्ण आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, ना कि इस इरादे से कि किसी की मंशा इसका दुरुपयोग करने की है.

ये भी पढ़ें- राजकोषीय घाटे को तीन प्रतिशत तक लाना सरकार का कानूनी कर्तव्य: सीतारमण

आम बजट 2019-20 में सोने एवं अन्य बहूमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसे लेकर कुछ हलकों से सोने की तस्करी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. इसी के जवाब में पांडे ने यह बात कही.

पांडे ने कहा, "सरकार की अनावश्यक वस्तुओं का आयात कम करने की घोषित नीति है, क्योंकि हमें अपने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग गैर-जरूरी वस्तूओं के आयात पर नहीं व्यय करना चाहिए. जहां तक देश की बात है तो सोना निश्चित तौर पर उस श्रेणी में आता है जिसका थोड़ा कम आयात भी चल सकता है."

उन्होंने कहा, "यह निर्णय सरकार की इसी नीति से मेल खाता है. यदि इससे तस्करी या अन्य बातों को प्रोत्साहन मिलता है तो यह एक अलग समस्या है और हमारी कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी."

पांडे ने कहा कि तस्करी जैसी कुछ छोटी-मोटी समस्याओं के उभरने के डर से हम अनावश्यक वस्तुओं के आयात को कम करने के प्रयासों को नहीं रोक सकते. यह कोई अच्छी आर्थिक नीति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने से तस्करी बढ़ने की बहस को यदि सही मान लिया जाए तो फिर तो उस पर 10 प्रतिशत का शुल्क भी जायज नहीं था. सवाल यह है कि यह बहस ही कितनी जायज है.

बजट में सोने एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क बढ़ाने के निर्णय पर रत्न एवं आभूषण उद्योग ने निराशा जतायी. उद्योग का कहना है कि इससे तस्करी बढ़ेगी तथा घरेलू बाजार में गहने और महंगे हो जायेंगे. भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातक देशों में एक है.

नई दिल्ली: राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे का कहना है कि आम बजट में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क वृद्धि का निर्णय सरकार की अनावश्यक उत्पादों का आयात कम करने की नीति के तहत किया गया. रही बात तस्करी की, तो कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी.

पांडे ने कहा कि आर्थिक निर्णय संपूर्ण आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, ना कि इस इरादे से कि किसी की मंशा इसका दुरुपयोग करने की है.

ये भी पढ़ें- राजकोषीय घाटे को तीन प्रतिशत तक लाना सरकार का कानूनी कर्तव्य: सीतारमण

आम बजट 2019-20 में सोने एवं अन्य बहूमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसे लेकर कुछ हलकों से सोने की तस्करी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. इसी के जवाब में पांडे ने यह बात कही.

पांडे ने कहा, "सरकार की अनावश्यक वस्तुओं का आयात कम करने की घोषित नीति है, क्योंकि हमें अपने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग गैर-जरूरी वस्तूओं के आयात पर नहीं व्यय करना चाहिए. जहां तक देश की बात है तो सोना निश्चित तौर पर उस श्रेणी में आता है जिसका थोड़ा कम आयात भी चल सकता है."

उन्होंने कहा, "यह निर्णय सरकार की इसी नीति से मेल खाता है. यदि इससे तस्करी या अन्य बातों को प्रोत्साहन मिलता है तो यह एक अलग समस्या है और हमारी कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी."

पांडे ने कहा कि तस्करी जैसी कुछ छोटी-मोटी समस्याओं के उभरने के डर से हम अनावश्यक वस्तुओं के आयात को कम करने के प्रयासों को नहीं रोक सकते. यह कोई अच्छी आर्थिक नीति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने से तस्करी बढ़ने की बहस को यदि सही मान लिया जाए तो फिर तो उस पर 10 प्रतिशत का शुल्क भी जायज नहीं था. सवाल यह है कि यह बहस ही कितनी जायज है.

बजट में सोने एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क बढ़ाने के निर्णय पर रत्न एवं आभूषण उद्योग ने निराशा जतायी. उद्योग का कहना है कि इससे तस्करी बढ़ेगी तथा घरेलू बाजार में गहने और महंगे हो जायेंगे. भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातक देशों में एक है.

Intro:Body:

अनावश्यक आयात को कम करने की नीति के तहत बढ़ाया गया सोने पर शुल्क : राजस्व सचिव

नई दिल्ली: राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे का कहना है कि आम बजट में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क वृद्धि का निर्णय सरकार की अनावश्यक उत्पादों का आयात कम करने की नीति के तहत किया गया. रही बात तस्करी की, तो कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी.

पांडे ने कहा कि आर्थिक निर्णय संपूर्ण आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, ना कि इस इरादे से कि किसी की मंशा इसका दुरुपयोग करने की है.

ये भी पढ़ें- 

आम बजट 2019-20 में सोने एवं अन्य बहूमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसे लेकर कुछ हलकों से सोने की तस्करी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. इसी के जवाब में पांडे ने यह बात कही.

पांडे ने कहा, "सरकार की अनावश्यक वस्तुओं का आयात कम करने की घोषित नीति है, क्योंकि हमें अपने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग गैर-जरूरी वस्तूओं के आयात पर नहीं व्यय करना चाहिए. जहां तक देश की बात है तो सोना निश्चित तौर पर उस श्रेणी में आता है जिसका थोड़ा कम आयात भी चल सकता है." 

उन्होंने कहा, "यह निर्णय सरकार की इसी नीति से मेल खाता है. यदि इससे तस्करी या अन्य बातों को प्रोत्साहन मिलता है तो यह एक अलग समस्या है और हमारी कानून अनुपालन एजेंसिया इससे निपट लेंगी." 

पांडे ने कहा कि तस्करी जैसी कुछ छोटी-मोटी समस्याओं के उभरने के डर से हम अनावश्यक वस्तुओं के आयात को कम करने के प्रयासों को नहीं रोक सकते. यह कोई अच्छी आर्थिक नीति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने से तस्करी बढ़ने की बहस को यदि सही मान लिया जाए तो फिर तो उस पर 10 प्रतिशत का शुल्क भी जायज नहीं था. सवाल यह है कि यह बहस ही कितनी जायज है.

बजट में सोने एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं पर शुल्क बढ़ाने के निर्णय पर रत्न एवं आभूषण उद्योग ने निराशा जतायी. उद्योग का कहना है कि इससे तस्करी बढ़ेगी तथा घरेलू बाजार में गहने और महंगे हो जायेंगे. भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े आयातक देशों में एक है.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.