हैदराबाद: जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर को मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में समूह की विभिन्न कंपनियों के निवेश पर भारी बट्टा लगने की वजह से 2,341.25 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ है.
इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में कंपनी को 4.81 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ था. कंपनी की ओर से शेयर बाजार को दी गयी जानकारी के अनुसार इस अवधि में उसकी कुल आय 2,293.63 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्तवर्ष की इसी तिमाही में 2,234.88 करोड़ रुपये थी.
ये भी पढ़ें- भारत में अवैध रूप से बिक रहे हैं 36 ई-सिगरेट ब्रांड
समूह की कंपनी जीएमआर एनर्जी लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनियों में निवेश पर इस दौरान 1242.72 करोड़ रुपये का बट्टा लगा. इसी तरह जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड के निवेश पर 969.58 करोड़ रुपये की क्षति दर्ज की गयी. इस प्रकार कंपनी की सम्पत्ति को इस दौरान कुल 2,212.30 करोड़ रुपये का बट्टा लगा है.
जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में 685 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों के परिचालन में संलग्न है. इसमें पहली इकाई का परिचालन एक नवंबर 2015 और दूसरी इकाई का 31 मार्च 2016 से शुरु हुआ. इन इकाइयों के वाणिज्यिक परिचालन की शुरुआत से ही कंपनी नुकसान में है और 31 मार्च 2019 तक कंपनी का कुल नुकसान 4,228.51 करोड़ रुपये रहा.
वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीएमआर को अपने हवाईअड्डा कारोबार से 1,357.44 करोड़ रुपये की आय हुयी. जबकि पिछले साल इसी अवधि में इस कारोबार से 271 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था.
कंपनी द्वारा परिचालित दिल्ली हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या 5% वार्षिक वृद्धि के साथ 2018-19 में 6.92 करोड़ रही. यह संख्या 2017-18 में 6.57 करोड थी. वहीं हैदराबाद हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या 16% बढ़कर 2.14 करोड़ पर पहुंच गई जो 2017-18 में 1.83 करोड़ थी.