नई दिल्ली: शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक संकेतकों, कोविड-19 के रुख और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी बड़ी कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, "बाजार भागीदारों की निगाह महत्वपूर्ण वृहद संकेतकों मसलन औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों, कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों तथा मानसून की प्रगति पर रहेगी."
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उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टीसीएस के तिमाही नतीजे नौ जुलाई को आएंगे. वहीं औद्योगिक उत्पादन यानी आईआईपी के आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आएंगे.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा है कि पहली तिमाही के नतीजों की शुरुआत नौ जुलाई को टीसीएस के साथ होगी.
बीते सप्ताह शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन तेजी रही. इससे सेंसेक्स करीब चार माह के उच्चस्तर पर बंद हुआ. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 850.15 अंक या 2.41 प्रतिशत के लाभ में रहा.
खेमका ने कहा कि पिछले सप्ताह दुनिया के विभिन्न देशों के आर्थिक आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने और कोविड-19 के टीके को लेकर सकारात्मक खबरों से भारतीय शेयर बाजार मजबूती के रुख के साथ बंद हुए. उन्होंने कहा, "हालांकि, कोरोना वायरस के बढ़ते मामले, संक्रमण दूसरा दौर शुरू होने की आशंका और भारत-चीन तनाव की वजह से चिंता बनी हुई है."
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एक दिन में कोविड-19 संक्रमण के सबसे अधिक 22,771 मामले आए हैं. इससे देश में संक्रमण के मामलों की संख्या 6,48,315 पर पहुंच गई है. अब तक यह महामारी 18,655 लोगों की जान ले चुकी है.
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जिमीत मोदी ने कहा, "भारतीय कंपनियों द्वारा पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा शुरू होने से बाजार में एक निश्चित रुख दिखाई देगा. इससे जमीनी वास्तविकता का भी पता चलेगा."
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष पीसीजी अनुसंधान संजीव जरबादे ने कहा कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि तथा भारत-चीन सीमा तनाव बढ़ने जैसे घटनाक्रमों से बाजार में जोखिम रहेगा.
(पीटीआई-भाषा)