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भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, कोविड-19 के रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,110 अंक या 2.81 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 314 अंक या 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई. विश्लेषकों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े उम्मीद से कहीं अधिक नीचे आए हैं. इसके अलावा बुनियादी उद्योगों का उत्पादन भी घटा है. इस वजह से निवेशकों ने सप्ताह के दौरान सतर्क रुख अपनाया.

भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, कोविड-19 के रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, कोविड-19 के रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
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Published : Sep 6, 2020, 2:45 PM IST

नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह भारत-चीन तनाव से जुड़े घटनाक्रमों तथा कोविड-19 महामारी के रुख से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि पिछले सप्ताह के दौरान जो वृहद आर्थिक आंकड़े आए हैं उनसे पता चलता है कि पुनरोद्धार का रास्ता अभी लंबा है.

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,110 अंक या 2.81 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 314 अंक या 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई. विश्लेषकों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े उम्मीद से कहीं अधिक नीचे आए हैं. इसके अलावा बुनियादी उद्योगों का उत्पादन भी घटा है. इस वजह से निवेशकों ने सप्ताह के दौरान सतर्क रुख अपनाया.

ये भी पढ़ें- रिजर्व बैंक ने बैकों के लिए ऑडिट नियमों में संशोधन किया

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "आगे चलकर बाजार में क्षेत्र या शेयर आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी. बीच-बीच में मुनाफावसूली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. बाजार की निगाह अब अर्थव्यवस्था में सुधार के सकारात्मक संकेतों पर हैं. इसके अलावा अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज से संबंधित घोषणा पर भी सभी की निगाह रहेगी."

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निवेशक भारत-चीन सीमा तनाव से जुड़े घटनाक्रमों पर भी नजर रखेंगे.

पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण होने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगी को स्पष्ट संदेश दिया है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक में रक्षा मंत्री ने यह संदेश दिया.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "इस सप्ताह बाजार में अनिश्चितता रहेगी. यह अनिश्चितता वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से लेकर भारत-चीन सीमा तनाव तक रहेगी." नायर ने कहा कि निकट भविष्य की दृष्टि से देखा जाए, तो बाजार ने अपनी रफ्तार गंवा दी है.

इस बीच, एक दिन में रिकॉर्ड 90,632 मामले आने के बाद भारत में कोविड-19 संक्रमण का आंकड़ा 41 लाख को पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में यह महामारी अब तक 70,626 लोगों की जान ले चुकी है. पिछले 24 घंटों में इस महामारी की वजह से 1,065 और लोगों की जान गई है.

ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-चीन तनाव, कोविड-19 के बढ़ते मामले और वैश्विक बाजारों से जुड़े घटनाक्रम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. निवेशकों की निगाह शुक्रवार को जारी होने वाले औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर भी रहेगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह भारत-चीन तनाव से जुड़े घटनाक्रमों तथा कोविड-19 महामारी के रुख से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि पिछले सप्ताह के दौरान जो वृहद आर्थिक आंकड़े आए हैं उनसे पता चलता है कि पुनरोद्धार का रास्ता अभी लंबा है.

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,110 अंक या 2.81 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 314 अंक या 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई. विश्लेषकों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े उम्मीद से कहीं अधिक नीचे आए हैं. इसके अलावा बुनियादी उद्योगों का उत्पादन भी घटा है. इस वजह से निवेशकों ने सप्ताह के दौरान सतर्क रुख अपनाया.

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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "आगे चलकर बाजार में क्षेत्र या शेयर आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी. बीच-बीच में मुनाफावसूली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. बाजार की निगाह अब अर्थव्यवस्था में सुधार के सकारात्मक संकेतों पर हैं. इसके अलावा अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज से संबंधित घोषणा पर भी सभी की निगाह रहेगी."

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निवेशक भारत-चीन सीमा तनाव से जुड़े घटनाक्रमों पर भी नजर रखेंगे.

पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण होने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगी को स्पष्ट संदेश दिया है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक में रक्षा मंत्री ने यह संदेश दिया.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "इस सप्ताह बाजार में अनिश्चितता रहेगी. यह अनिश्चितता वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से लेकर भारत-चीन सीमा तनाव तक रहेगी." नायर ने कहा कि निकट भविष्य की दृष्टि से देखा जाए, तो बाजार ने अपनी रफ्तार गंवा दी है.

इस बीच, एक दिन में रिकॉर्ड 90,632 मामले आने के बाद भारत में कोविड-19 संक्रमण का आंकड़ा 41 लाख को पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में यह महामारी अब तक 70,626 लोगों की जान ले चुकी है. पिछले 24 घंटों में इस महामारी की वजह से 1,065 और लोगों की जान गई है.

ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-चीन तनाव, कोविड-19 के बढ़ते मामले और वैश्विक बाजारों से जुड़े घटनाक्रम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे. निवेशकों की निगाह शुक्रवार को जारी होने वाले औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर भी रहेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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