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एफपीआई ने मार्च में अब तक किया 2,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश

मार्च के शुरुआती पांच कारोबारी दिवस के दौरान बाजार की सकारात्मक धारणा के कारण भारतीय पूंजी बाजार में 2,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ.

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Published : Mar 10, 2019, 1:10 PM IST

नई दिल्ली : विदेशी निवेशकों ने मार्च महीने के पहले पांच कारोबारी दिवसों में भारतीय पूंजी बाजार में 2,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इसका मुख्य कारण बाजार की सकारात्मक धारणा रही है. विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू तथा विदेशी कारकों से सकारात्मकता का माहौल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिये यह माहौल बने रहने का अनुमान है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी महीने में घरेलू पूंजी बाजारों (बांड एवं शेयर) में 11,182 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. डिपॉजिटरीज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक मार्च से आठ मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 5,621 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की. हालांकि उन्होंने बांड बाजार से 2,880 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. इस तरह घरेलू पूंजी बाजार में उनका शुद्ध निवेश 2,741 करोड़ रुपये रहा.

आलोच्य अवधि के दौरान चार मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहे थे. ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, "हालिया सीमापार की घटनाओं के बाद आगामी चुनाव के सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा सकारात्मक हो रही है. इसके अलावा कॉरपोरेट बांड में एफपीआई निवेश की ऊपरी सीमा हटाने की रिजर्व बैंक की घोषणा ने भी धारणा को बल दिया है. इससे पहले एफपीआई कॉरपोरेट बांड में 20 प्रतिशत तक ही निवेश कर सकते थे."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दर वृद्धि पर रोक के बयान ने भी घरेलू बाजारों में एफपीआई निवेश को बल दिया.
(भाषा)
पढ़ें : वित्तीय सुरक्षा के मामले में पुरुषों से काफी पीछे हैं महिलाएं: सर्वेक्षण

नई दिल्ली : विदेशी निवेशकों ने मार्च महीने के पहले पांच कारोबारी दिवसों में भारतीय पूंजी बाजार में 2,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इसका मुख्य कारण बाजार की सकारात्मक धारणा रही है. विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू तथा विदेशी कारकों से सकारात्मकता का माहौल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिये यह माहौल बने रहने का अनुमान है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी महीने में घरेलू पूंजी बाजारों (बांड एवं शेयर) में 11,182 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. डिपॉजिटरीज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक मार्च से आठ मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 5,621 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की. हालांकि उन्होंने बांड बाजार से 2,880 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. इस तरह घरेलू पूंजी बाजार में उनका शुद्ध निवेश 2,741 करोड़ रुपये रहा.

आलोच्य अवधि के दौरान चार मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहे थे. ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, "हालिया सीमापार की घटनाओं के बाद आगामी चुनाव के सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा सकारात्मक हो रही है. इसके अलावा कॉरपोरेट बांड में एफपीआई निवेश की ऊपरी सीमा हटाने की रिजर्व बैंक की घोषणा ने भी धारणा को बल दिया है. इससे पहले एफपीआई कॉरपोरेट बांड में 20 प्रतिशत तक ही निवेश कर सकते थे."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दर वृद्धि पर रोक के बयान ने भी घरेलू बाजारों में एफपीआई निवेश को बल दिया.
(भाषा)
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नई दिल्ली : विदेशी निवेशकों ने मार्च महीने के पहले पांच कारोबारी दिवसों में भारतीय पूंजी बाजार में 2,741 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इसका मुख्य कारण बाजार की सकारात्मक धारणा रही है. विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू तथा विदेशी कारकों से सकारात्मकता का माहौल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिये यह माहौल बने रहने का अनुमान है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी महीने में घरेलू पूंजी बाजारों (बांड एवं शेयर) में 11,182 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. डिपॉजिटरीज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक मार्च से आठ मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 5,621 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की. हालांकि उन्होंने बांड बाजार से 2,880 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. इस तरह घरेलू पूंजी बाजार में उनका शुद्ध निवेश 2,741 करोड़ रुपये रहा.

आलोच्य अवधि के दौरान चार मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहे थे. ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, "हालिया सीमापार की घटनाओं के बाद आगामी चुनाव के सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा सकारात्मक हो रही है. इसके अलावा कॉरपोरेट बांड में एफपीआई निवेश की ऊपरी सीमा हटाने की रिजर्व बैंक की घोषणा ने भी धारणा को बल दिया है. इससे पहले एफपीआई कॉरपोरेट बांड में 20 प्रतिशत तक ही निवेश कर सकते थे."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दर वृद्धि पर रोक के बयान ने भी घरेलू बाजारों में एफपीआई निवेश को बल दिया.

(भाषा)

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