नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डॉट) ने नियामक ट्राई की पांच साल पुरानी सिफारिश के आधार पर वोडाफोन आइडिया पर ₹2,000 करोड़ और भारती एयरटेल पर ₹1,050 करोड़ का जुर्माना लगाया है. सूत्रों ने गुरूवार को कंपनियों को दिए गए मांग नोटिस से जुड़ी सामग्री को साझा करते हुए कहा कि दूरसंचार विभाग ने जुर्माना देने के लिए दूरसंचार परिचालकों को तीन सप्ताह का समय दिया है.
इस बारे में संपर्क करने पर भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा, हम एक नए परिचालक को पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट के प्रावधानों से संबंधित 2016 की ट्राई की सिफारिशों के आधार पर मनमानी और अनुचित मांग से बहुत निराश हैं. ये आरोप बेबुनियाद हैं.
उन्होने कहा भारती एयरटेल अनुपालन के उच्च मानकों को बनाए रखने में गर्व महसूस करती है और हमेशा देश के कानून का पालन करती है. हम मांग को चुनौती देंगे और हमारे पास उपलब्ध कानूनी विकल्पों को आगे बढ़ाएंगे. वोडाफोन आइडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं मिली.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अक्टूबर 2016 में रिलायंस जियो को इंटर-कनेक्टिविटी से इनकार करने के लिए एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया पर कुल ₹3,050 करोड़ का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी.
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नियामक ने उस समय यह कहते हुए दूरसंचार लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश नहीं की थी, क्योंकि इससे उपभोक्ता को काफी असुविधा हो सकती है. ट्राई की सिफारिश रिलायंस जियो की शिकायत पर आई थी. जियो ने कहा था कि उसके नेटवर्क पर 75 प्रतिशत से अधिक कॉल नहीं लग रही थीं, क्योंकि पर्याप्त संख्या में इंटरफेस (पीओआई) जारी नहीं किए जा रहे थे. दूरसंचार विभाग की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था डिजिटल संचार आयोग ने जुलाई 2019 में इस जुर्माने को मंजूरी दी थी.
(पीटीआई-भाषा)