नई दिल्ली : स्मार्टफोन कंपनियों (smartphone companies) की ओर से इस साल त्योहारी मौसम में कुछ नए मोबाइल फोन (mobile phones) लॉन्च कराए जाने की संभावना है. साथ ही मौजूदा डिवाइसों की कीमतों में सात से दस फीसदी बढ़ोतरी होने की बात चर्चा में है. उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक इसका कारण सेमीकंडक्टर चिप्स (semiconductor chips) जैसे उपकरणों की भारी कमी बताई जा रही है.
कोविड महामारी के दौरान रिमोट कार्यों और स्टडी-फ्राम-होम (study-from-home) ने सेमीकंडक्टर चिप्स की डिमांड को बढ़ा दी है, जिससे विश्व भर में वैश्विक आर्पूति की चेन पर प्रभाव पड़ा है. यहां तक कि चीन में में माल ढुलाई की लागत भी काफी बढ़ गई है जिससे डिवाइस उत्पादकों पर भारी दबाव पड़ रहा है.
काउंटरप्वाइंट रिसर्च निदेशक (Counterpoint Research Director) तरुण पाठक (Tarun Pathak) के अनुसार, किल्लत की स्थिति अगले कुछ तिमाहियों तक मोबाइल फोन उद्योग को प्रभावित करती रहेगी.
उन्होंने कहा कि देरी या कुछ ने लॉन्च, मौजूदा डिवाइसों की कीमत सात से दस फीसदी बढ़ोतरी और कम ऑफर उपलब्ध कराने की वजह से कई त्योहारी मौसम फीके पड़ सकते हैं. हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद इस बार की त्योहारी मौसम में डिमांड मजबूत रहेंगे. चिप की कमी के बीच, 4जी चिपसेट (4G chipsets) का उपयोग किया जा रहा है, जो कि इस साल दूसरी छमाही तक जारी रहेगा.
“सभी महत्वपूर्ण त्योहारों का मौसम कई तरह से प्रभावित होगा जैसे देरी या कम नए लॉन्च, मौजूदा उपकरणों के लिए मूल्य निर्धारण में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि, और कम ऑफ़र। हालांकि, इस त्योहारी सीजन में मांग मजबूत रहने की संभावना है। चिप की कमी के बीच, 4जी चिपसेट प्रभावित हुए हैं और इसके 2021 की दूसरी छमाही तक बने रहने की संभावना है।”
जबकि इस साल की दूसरी छमाही में प्रीमियम 5G चिपसेट की कमी तो है, लेकिन 5G चिपसेट की स्थिति बेहतर है, जिसकी वजह से मास मार्केट में 5G चिपसेट कम आपूर्ति में होंगे.
गार्टनर की प्रधान विश्लेषक (Principal Analyst at Gartner) कनिष्क चौहान (Kanishka Chauhan) ने बताया कि फैब्रिकेशन सुविधाओं (चिप निर्माण के लिए) के गैर मौजूदगी में अंतरराष्ट्रीय फाउंड्री पर भारत निर्भर करता है. जहां स्मार्टफोन उद्योग के ऑडर्रों को फैब्रिकेशन सुविधाओं द्वारा प्राथमकिता दी जा रही है. वहीं, इस प्राथमिकता ने भी उद्योगों को पूरी तरह से असुरक्षित बना दिया.
उन्होंने रिलायंस जियो द्वारा हाल ही में चिप की कमी के कारण अपने 4जी स्मार्टफोन लॉन्च को स्थगित करने का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा कि केवल रिलायंस ही नहीं, कई अन्य निर्माताओं को भी इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. इस समस्या का कोई त्वरित समाधान नहीं है और हम उम्मीद करते हैं कि यही स्थिति अगली कुछ तिमाहियों तक बनी रहेगी.
उन्होंने कहा कि अन्य चिप्स के साथ, डिस्प्ले ड्राइवर्स (Display Drivers -DDI) और पावर मैनेजमेंट आईसी (Power Management IC-PMIC) चिप्स स्मार्टफोन उद्योग के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं लेकिन अब इसकी भी कमी हैं.
(पीटीआई)