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CBDT ने लंबित मामलों के निपटान के लिए करदाताओं को 30 सितंबर तक आवेदन की दी अनुमति - लंबित मामलों के निपटान के लिये करदाताओं को 30 सितंबर

वित्त मंत्रालय ने कहा कि करदाता आयकर निपटान आयोग (आईटीएससी) के स्तर पर लंबित कर मामलों के निपटान को लेकर अंतरिम निपटान बोर्ड के समक्ष 30 सितंबर तक आवेदन दे सकते है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

सीबीडीटी
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Published : Sep 8, 2021, 12:21 AM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि करदाता आयकर निपटान आयोग (आईटीएससी) के स्तर पर लंबित कर मामलों के निपटान को लेकर अंतरिम निपटान बोर्ड के समक्ष 30 सितंबर तक आवेदन दे सकते है.

वित्त अधिनियम, 2021 के तहत आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. इसके तहत यह प्रावधान किया गया कि आईटीएससी एक फरवरी, 2021 से काम करना बंद कर देगा. इसके अलावा, इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि निपटान के लिए एक फरवरी या उसके बाद कोई आवेदन दायर नहीं किया जा सकता है. एक फरवरी को ही वित्त विधेयक, 2021 को लोकसभा के समक्ष रखा गया था.

सरकार ने 31 जनवरी, 2021 तक लंबित आवेदनों के निपटान को लेकर अंतरिम बोर्ड का गठन किया था. लंबित मामलों में करदाताओं के पास यह विकल्प होता है कि वे निर्दिष्ट समय के भीतर अपने आवेदन वापस ले सकते हैं और इसके बारे में आकलन अधिकारी को सूचित कर सकते हैं.

मंत्रालय के अनुसार इसके बाद, मंत्रालय को कई आवेदन प्राप्त हुए थे कि एक फरवरी की स्थिति के अनुसार कई करदाता आईटीएससी के समक्ष मामलों के निपटान के लिए अपना आवेदन दाखिल करने के मामले में काफी आगे बढ़ चुके थे. इसके अलावा, कुछ करदाताओं ने उच्च न्यायालयों में अर्जी देकर अनुरोध किया है कि निपटान के लिए उनके आवेदन स्वीकार किए जाएं. कुछ मामलों में, उच्च न्यायालयों ने अंतरिम राहत दी है और एक फरवरी 2021 के बाद भी निपटान के आवेदनों को स्वीकार करने का निर्देश दिया है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 31 जनवरी, 2021 की स्थिति के अनुसार आवेदन देने के लिहाज से पात्र लेकिन वित्त अधिनियम, 2021 के तहत आईटीएससी को समाप्त करने के कारण आवेदन नहीं दे सके करदाताओं को राहत देने के लिये कदम उठाया जा रहा है. इसके तहत यह निर्णय किया गया है कि निपटान आवेदन 30 सितंबर, 2021 तक अंतरिम बोर्ड में जमा किये जा सकते हैं.’

इस संबंध में विधायी संशोधन नियत समय में लाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें- होंडा मोटरसाइकिल ने नई सीबी200 एक्स बाइक की बाजार में आपूर्ति शुरू की

सीबीडीटी ने कहा कि इन सभी आवेदनों को लंबित आवेदन माना जाएगा और अंतरिम बोर्ड द्वारा निपटारा किया जाएगा. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं ने इस साल एक फरवरी या उसके बाद आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है.

बोर्ड ने कहा कि लंबित मामलों में, करदाताओं के पास निर्दिष्ट समय के अंदर अपने आवेदन वापस लेने और मूल्यांकन अधिकारी को इस तरह की निकासी के बारे में सूचित करने का विकल्प होता है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि करदाता आयकर निपटान आयोग (आईटीएससी) के स्तर पर लंबित कर मामलों के निपटान को लेकर अंतरिम निपटान बोर्ड के समक्ष 30 सितंबर तक आवेदन दे सकते है.

वित्त अधिनियम, 2021 के तहत आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. इसके तहत यह प्रावधान किया गया कि आईटीएससी एक फरवरी, 2021 से काम करना बंद कर देगा. इसके अलावा, इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि निपटान के लिए एक फरवरी या उसके बाद कोई आवेदन दायर नहीं किया जा सकता है. एक फरवरी को ही वित्त विधेयक, 2021 को लोकसभा के समक्ष रखा गया था.

सरकार ने 31 जनवरी, 2021 तक लंबित आवेदनों के निपटान को लेकर अंतरिम बोर्ड का गठन किया था. लंबित मामलों में करदाताओं के पास यह विकल्प होता है कि वे निर्दिष्ट समय के भीतर अपने आवेदन वापस ले सकते हैं और इसके बारे में आकलन अधिकारी को सूचित कर सकते हैं.

मंत्रालय के अनुसार इसके बाद, मंत्रालय को कई आवेदन प्राप्त हुए थे कि एक फरवरी की स्थिति के अनुसार कई करदाता आईटीएससी के समक्ष मामलों के निपटान के लिए अपना आवेदन दाखिल करने के मामले में काफी आगे बढ़ चुके थे. इसके अलावा, कुछ करदाताओं ने उच्च न्यायालयों में अर्जी देकर अनुरोध किया है कि निपटान के लिए उनके आवेदन स्वीकार किए जाएं. कुछ मामलों में, उच्च न्यायालयों ने अंतरिम राहत दी है और एक फरवरी 2021 के बाद भी निपटान के आवेदनों को स्वीकार करने का निर्देश दिया है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 31 जनवरी, 2021 की स्थिति के अनुसार आवेदन देने के लिहाज से पात्र लेकिन वित्त अधिनियम, 2021 के तहत आईटीएससी को समाप्त करने के कारण आवेदन नहीं दे सके करदाताओं को राहत देने के लिये कदम उठाया जा रहा है. इसके तहत यह निर्णय किया गया है कि निपटान आवेदन 30 सितंबर, 2021 तक अंतरिम बोर्ड में जमा किये जा सकते हैं.’

इस संबंध में विधायी संशोधन नियत समय में लाए जाएंगे.

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सीबीडीटी ने कहा कि इन सभी आवेदनों को लंबित आवेदन माना जाएगा और अंतरिम बोर्ड द्वारा निपटारा किया जाएगा. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं ने इस साल एक फरवरी या उसके बाद आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है.

बोर्ड ने कहा कि लंबित मामलों में, करदाताओं के पास निर्दिष्ट समय के अंदर अपने आवेदन वापस लेने और मूल्यांकन अधिकारी को इस तरह की निकासी के बारे में सूचित करने का विकल्प होता है.

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