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नये देशों में असेंबली संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाश रही अशोक लेलैंड

कंपनी की पश्चिम एशिया, दक्षेस के देशों और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मजबूत पकड़ है और अब कंपनी की कोशिश भारी एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों के जरिए नये क्षेत्रों में कदम रखने की है.

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Published : Apr 7, 2019, 4:57 PM IST

नई दिल्ली : वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड वैश्विक परिचालन के विस्तार की अपनी योजना के तहत सोवियत संघ से विघटित हुए देशों और अफ्रीकी क्षेत्र में अधिक संख्या में असेंबली संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाश रही है.

कंपनी की पश्चिम एशिया, दक्षेस के देशों और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मजबूत पकड़ है और अब कंपनी की कोशिश भारी एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों के जरिए नये क्षेत्रों में कदम रखने की है. चेन्नई स्थित हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी एक नया प्लेटफॉर्म विकसित करने की प्रक्रिया में है, जिसके जरिए उसकी योजना मध्यम और भारी उत्पादों को अगले साल पेश करने की है.

कंपनी हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. कंपनी को अगले साल अप्रैल से नये उत्पाद पेश करने की उम्मीद है.

अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने 'पीटीआई-भाषा' से साक्षात्कार में कहा, ''अच्छी बिक्री वाले बाजारों में हम असेंबली संयंत्र भी लगा सकते हैं, लेकिन बड़े विनिर्माण संयंत्रों की जगह यह काम बहुत ही किफायती तरीके से किया जाएगा.''

उनसे पूछा गया कि क्या कंपनी ने कुछ ऐसे देशों की पहचान की है, जहां वह इस तरह की इकाई लगाना चाहेगी तो उन्होंने कहा, ''अफ्रीका में हमने केन्या और आइवरी कोस्ट में संभावनाओं की तलाश की है. ये दोनों ही देश काफी महत्वपूर्ण हैं. हम सोवियत संघ से अलग हुए देशों पर भी ध्यान दे रहे हैं.''
ये भी पढ़ें : सुजुकी मोटरसाइकिल ने इंट्रूडर का 2019 संस्करण उतारा, कीमत 1.08 लाख रुपये

नई दिल्ली : वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड वैश्विक परिचालन के विस्तार की अपनी योजना के तहत सोवियत संघ से विघटित हुए देशों और अफ्रीकी क्षेत्र में अधिक संख्या में असेंबली संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाश रही है.

कंपनी की पश्चिम एशिया, दक्षेस के देशों और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मजबूत पकड़ है और अब कंपनी की कोशिश भारी एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों के जरिए नये क्षेत्रों में कदम रखने की है. चेन्नई स्थित हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी एक नया प्लेटफॉर्म विकसित करने की प्रक्रिया में है, जिसके जरिए उसकी योजना मध्यम और भारी उत्पादों को अगले साल पेश करने की है.

कंपनी हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. कंपनी को अगले साल अप्रैल से नये उत्पाद पेश करने की उम्मीद है.

अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने 'पीटीआई-भाषा' से साक्षात्कार में कहा, ''अच्छी बिक्री वाले बाजारों में हम असेंबली संयंत्र भी लगा सकते हैं, लेकिन बड़े विनिर्माण संयंत्रों की जगह यह काम बहुत ही किफायती तरीके से किया जाएगा.''

उनसे पूछा गया कि क्या कंपनी ने कुछ ऐसे देशों की पहचान की है, जहां वह इस तरह की इकाई लगाना चाहेगी तो उन्होंने कहा, ''अफ्रीका में हमने केन्या और आइवरी कोस्ट में संभावनाओं की तलाश की है. ये दोनों ही देश काफी महत्वपूर्ण हैं. हम सोवियत संघ से अलग हुए देशों पर भी ध्यान दे रहे हैं.''
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नई दिल्ली : वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड वैश्विक परिचालन के विस्तार की अपनी योजना के तहत सोवियत संघ से विघटित हुए देशों और अफ्रीकी क्षेत्र में अधिक संख्या में असेंबली संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाश रही है.

कंपनी की पश्चिम एशिया, दक्षेस के देशों और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मजबूत पकड़ है और अब कंपनी की कोशिश भारी एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों के जरिए नये क्षेत्रों में कदम रखने की है. चेन्नई स्थित हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी एक नया प्लेटफॉर्म विकसित करने की प्रक्रिया में है, जिसके जरिए उसकी योजना मध्यम और भारी उत्पादों को अगले साल पेश करने की है.

कंपनी हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. कंपनी को अगले साल अप्रैल से नये उत्पाद पेश करने की उम्मीद है.

अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने 'पीटीआई-भाषा' से साक्षात्कार में कहा, ''अच्छी बिक्री वाले बाजारों में हम असेंबली संयंत्र भी लगा सकते हैं, लेकिन बड़े विनिर्माण संयंत्रों की जगह यह काम बहुत ही किफायती तरीके से किया जाएगा.''

उनसे पूछा गया कि क्या कंपनी ने कुछ ऐसे देशों की पहचान की है, जहां वह इस तरह की इकाई लगाना चाहेगी तो उन्होंने कहा, ''अफ्रीका में हमने केन्या और आइवरी कोस्ट में संभावनाओं की तलाश की है. ये दोनों ही देश काफी महत्वपूर्ण हैं. हम सोवियत संघ से अलग हुए देशों पर भी ध्यान दे रहे हैं.''

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