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विनिर्मित वस्तुओं के महंगे होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.03 प्रतिशत हुई

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आयी. हालांकि विनिर्मित वस्तुओं के दाम बढ़ गये.

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Published : Feb 15, 2021, 2:25 PM IST

Updated : Feb 15, 2021, 3:54 PM IST

विनिर्मित वस्तुओं के महंगे होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.03 प्रतिशत हुई
विनिर्मित वस्तुओं के महंगे होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.03 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली : खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बाद भी थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03 प्रतिशत हो गयी. इसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी आना है. ताजे आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आयी. हालांकि विनिर्मित वस्तुओं के दाम बढ़ गये. थोक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति इससे पहले दिसंबर 2020 में 1.22 प्रतिशत और जनवरी 2020 में 3.52 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में शून्य से 2.8 प्रतिशत नीचे रही. यह एक महीने पहले यानी दिसंबर 2020 में शून्य से 1.11 प्रतिशत नीचे थी.

इस दौरान सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति शून्य से 20.82 प्रतिशत नीचे और ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति शून्य से 4.78 प्रतिशत नीचे रही.

ये भी पढ़ें : इंडियन एंजल नेटवर्क की 2021 में स्टार्टअप में ₹100 करोड़ से अधिक के निवेश की योजना

हालांकि आलू की थोक मुद्रास्फीति इस दौरान 22.04 प्रतिशत रही. गैर-खाद्य श्रेणी में मुद्रास्फीति इस दौरान 4.16 प्रतिशत रही.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच फरवरी को मौद्रिक नीति घोषणा में ब्याज दरों को लगातार चौथी बैठक में अपरिवर्तित रखा. रिजर्व बैंक ने घोषणा करते हुए कहा था कि निकट-भविष्य में मुद्रास्फीति का परिदृश्य अनुकूल हुआ है.

नई दिल्ली : खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बाद भी थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03 प्रतिशत हो गयी. इसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी आना है. ताजे आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आयी. हालांकि विनिर्मित वस्तुओं के दाम बढ़ गये. थोक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति इससे पहले दिसंबर 2020 में 1.22 प्रतिशत और जनवरी 2020 में 3.52 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में शून्य से 2.8 प्रतिशत नीचे रही. यह एक महीने पहले यानी दिसंबर 2020 में शून्य से 1.11 प्रतिशत नीचे थी.

इस दौरान सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति शून्य से 20.82 प्रतिशत नीचे और ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति शून्य से 4.78 प्रतिशत नीचे रही.

ये भी पढ़ें : इंडियन एंजल नेटवर्क की 2021 में स्टार्टअप में ₹100 करोड़ से अधिक के निवेश की योजना

हालांकि आलू की थोक मुद्रास्फीति इस दौरान 22.04 प्रतिशत रही. गैर-खाद्य श्रेणी में मुद्रास्फीति इस दौरान 4.16 प्रतिशत रही.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच फरवरी को मौद्रिक नीति घोषणा में ब्याज दरों को लगातार चौथी बैठक में अपरिवर्तित रखा. रिजर्व बैंक ने घोषणा करते हुए कहा था कि निकट-भविष्य में मुद्रास्फीति का परिदृश्य अनुकूल हुआ है.

Last Updated : Feb 15, 2021, 3:54 PM IST
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