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एमएसएमई क्षेत्र में कॉरपोरेट पर प्रतिबंध नहीं, हमारी सरकार निवेश के अनुकूल है: गडकरी

गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में कॉरपोरेट एवं निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. इससे 700 एमएसएमई संकुलों के निर्माण का रास्ता साफ होगा और आयात पर निर्भरता कम होगी. साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा.

एमएसएमई क्षेत्र में कॉरपोरेट पर प्रतिबंध नहीं, हमारी सरकार निवेश के अनुकूल है: गडकरी
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Published : Jun 14, 2019, 5:04 PM IST

Updated : Jun 14, 2019, 6:02 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उद्योग और सरकार के बीच विश्वास की कमी नहीं है. उन्होंने उद्योग जगत से वित्तपोषण के नवोन्मेषी तरीकों को अपनाने के सरकार से हाथ मिलाने का आह्वान किया.

गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में कॉरपोरेट एवं निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. इससे 700 एमएसएमई संकुलों के निर्माण का रास्ता साफ होगा और आयात पर निर्भरता कम होगी. साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा.

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग मंत्री नितिन गडकरी

ये भी पढ़ें- भारतीय बाजार के आकार को देखकर गूगल ने विकसित किए नए उत्पाद : पिचाई

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान देशभर के 100 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें एक 'विचारों और नवोन्मेष का बैंक' बनाने को प्रोत्साहन देना चाहिए.

एमएसएमई मंत्री गडकरी ने कहा, "सरकार और उद्योग के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं है. सरकार का उद्योग पर पूरा विश्वास है और उसे लेकर वह बहुत सकारात्मक है."

उन्होंने कहा कि हम उद्योग के सुझावों के अनुरूप सुधार ला रहे हैं और इस तरह की और सुझाव आमंत्रित करते हैं. सरकार निवेश अनुकूल है. रोजगार, वृद्धि और निर्यात के लिए वह उद्योग को समर्थन देती रहेगी.
गडकरी ने कहा, "सरकार लगातार और सुधार ला रही है. उद्योग को इस विकास यात्रा में सहयोगी बनने के लिए आगे आना चाहिए."

एमएसएमई में रोजगार और वृद्धि की अपार संभावनाओं को देखते हुए गडकरी ने कहा कि एमएसएमई संकुलों में कॉरपोरेट और निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को हटाने का निर्णय किया गया है.

साथ ही उद्योगों को इसे बढ़ाने के लिए आगे आकर सुझाव और विचार देने चाहिए. इसके लिए उन्हें जमीन के रूप में प्रोत्साहन दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, "निजी क्षेत्र हमारे साथ काम कर सकता है और मुझे आपके सहयोग की जरूरत है. संकुलों के लिए हमने उद्योगों से प्रस्ताव भी मांगे हैं."

उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए हम 4,000 करोड़ रुपये की अगरबत्तियों का आयात करते हैं जबकि उन्हें यहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें आयात के बदले निर्यात संवर्द्धन करने की जरूरत है और यह एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उद्योग और सरकार के बीच विश्वास की कमी नहीं है. उन्होंने उद्योग जगत से वित्तपोषण के नवोन्मेषी तरीकों को अपनाने के सरकार से हाथ मिलाने का आह्वान किया.

गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में कॉरपोरेट एवं निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. इससे 700 एमएसएमई संकुलों के निर्माण का रास्ता साफ होगा और आयात पर निर्भरता कम होगी. साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा.

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग मंत्री नितिन गडकरी

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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान देशभर के 100 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें एक 'विचारों और नवोन्मेष का बैंक' बनाने को प्रोत्साहन देना चाहिए.

एमएसएमई मंत्री गडकरी ने कहा, "सरकार और उद्योग के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं है. सरकार का उद्योग पर पूरा विश्वास है और उसे लेकर वह बहुत सकारात्मक है."

उन्होंने कहा कि हम उद्योग के सुझावों के अनुरूप सुधार ला रहे हैं और इस तरह की और सुझाव आमंत्रित करते हैं. सरकार निवेश अनुकूल है. रोजगार, वृद्धि और निर्यात के लिए वह उद्योग को समर्थन देती रहेगी.
गडकरी ने कहा, "सरकार लगातार और सुधार ला रही है. उद्योग को इस विकास यात्रा में सहयोगी बनने के लिए आगे आना चाहिए."

एमएसएमई में रोजगार और वृद्धि की अपार संभावनाओं को देखते हुए गडकरी ने कहा कि एमएसएमई संकुलों में कॉरपोरेट और निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को हटाने का निर्णय किया गया है.

साथ ही उद्योगों को इसे बढ़ाने के लिए आगे आकर सुझाव और विचार देने चाहिए. इसके लिए उन्हें जमीन के रूप में प्रोत्साहन दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, "निजी क्षेत्र हमारे साथ काम कर सकता है और मुझे आपके सहयोग की जरूरत है. संकुलों के लिए हमने उद्योगों से प्रस्ताव भी मांगे हैं."

उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए हम 4,000 करोड़ रुपये की अगरबत्तियों का आयात करते हैं जबकि उन्हें यहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें आयात के बदले निर्यात संवर्द्धन करने की जरूरत है और यह एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है.

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एमएसएमई क्षेत्र में कॉरपोरेट पर प्रतिबंध नहीं, हमारी सरकार निवेश के अनुकूल है: गडकरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उद्योग और सरकार के बीच विश्वास की कमी नहीं है. उन्होंने उद्योग जगत से वित्तपोषण के नवोन्मेषी तरीकों को अपनाने के सरकार से हाथ मिलाने का आह्वान किया.

गडकरी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में कॉरपोरेट एवं निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. इससे 700 एमएसएमई संकुलों के निर्माण का रास्ता साफ होगा और आयात पर निर्भरता कम होगी. साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा.

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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान देशभर के 100 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें एक 'विचारों और नवोन्मेष का बैंक' बनाने को प्रोत्साहन देना चाहिए.

एमएसएमई मंत्री गडकरी ने कहा, "सरकार और उद्योग के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं है. सरकार का उद्योग पर पूरा विश्वास है और उसे लेकर वह बहुत सकारात्मक है."

उन्होंने कहा कि हम उद्योग के सुझावों के अनुरूप सुधार ला रहे हैं और इस तरह की और सुझाव आमंत्रित करते हैं. सरकार निवेश अनुकूल है. रोजगार, वृद्धि और निर्यात के लिए वह उद्योग को समर्थन देती रहेगी.

गडकरी ने कहा, "सरकार लगातार और सुधार ला रही है. उद्योग को इस विकास यात्रा में सहयोगी बनने के लिए आगे आना चाहिए."

एमएसएमई में रोजगार और वृद्धि की अपार संभावनाओं को देखते हुए गडकरी ने कहा कि एमएसएमई संकुलों में कॉरपोरेट और निजी कंपनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को हटाने का निर्णय किया गया है. साथ ही उद्योगों को इसे बढ़ाने के लिए आगे आकर सुझाव और विचार देने चाहिए. इसके लिए उन्हें जमीन के रूप में प्रोत्साहन दिया जा सकता है. उन्होंने कहा, "निजी क्षेत्र हमारे साथ काम कर सकता है और मुझे आपके सहयोग की जरूरत है. संकुलों के लिए हमने उद्योगों से प्रस्ताव भी मांगे हैं."

उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए हम 4,000 करोड़ रुपये की अगरबत्तियों का आयात करते हैं जबकि उन्हें यहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें आयात के बदले निर्यात संवर्द्धन करने की जरूरत है और यह एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है. 


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Last Updated : Jun 14, 2019, 6:02 PM IST
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