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सब्जियां महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर

थोक मुद्रास्फीति दिसंबर माह में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गयी. मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित सालाना महंगाई दर नवंबर में 0.58 प्रतिशत थी. एक साल पहले 2019 दिसंबर में मुद्रास्फीति 3.46 प्रतिशत थी.

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Published : Jan 14, 2020, 12:06 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 2:23 PM IST

सब्जी, दाल महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंची
सब्जी, दाल महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंची

नई दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर, 2019 में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई. मुख्य रूप से प्याज और आलू के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है.

नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.58 प्रतिशत पर थी. दिसंबर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं के दाम 13.12 प्रतिशत बढ़े. एक महीने पहले यानी नवंबर में इनमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.

सब्जी, दाल महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंची
थोक मुद्रास्फीति

ये भी पढ़ें- दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.35 प्रतिशत पर, रिजर्व बैंक के 'संतोषजनक' स्तर को लांघा

इसी तरह गैर खाद्य उत्पादों के दाम चार गुना होकर 7.72 प्रतिशत पर पहुंच गए. नवंबर में गैर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.93 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में माह के दौरान सब्जियां सबसे अधिक 69.69 प्रतिशत महंगी हुईं. इसकी मुख्य वजह प्याज है जिसकी मुद्रास्फीति माह के दौरान 455.83 प्रतिशत बढ़ी. इस दौरान आलू के दाम 44.97 प्रतिशत चढ़ गए.

इससे पहले सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है.

नई दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर, 2019 में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई. मुख्य रूप से प्याज और आलू के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है.

नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.58 प्रतिशत पर थी. दिसंबर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं के दाम 13.12 प्रतिशत बढ़े. एक महीने पहले यानी नवंबर में इनमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.

सब्जी, दाल महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंची
थोक मुद्रास्फीति

ये भी पढ़ें- दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.35 प्रतिशत पर, रिजर्व बैंक के 'संतोषजनक' स्तर को लांघा

इसी तरह गैर खाद्य उत्पादों के दाम चार गुना होकर 7.72 प्रतिशत पर पहुंच गए. नवंबर में गैर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.93 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में माह के दौरान सब्जियां सबसे अधिक 69.69 प्रतिशत महंगी हुईं. इसकी मुख्य वजह प्याज है जिसकी मुद्रास्फीति माह के दौरान 455.83 प्रतिशत बढ़ी. इस दौरान आलू के दाम 44.97 प्रतिशत चढ़ गए.

इससे पहले सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है.

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सब्जी, दाल महंगी होने से थोक मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 0.58 प्रतिशत पर पहुंची

नई दिल्ली: सब्जी, दाल समेत खाने-पीने का सामान महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 0.58 प्रतिशत पर पहुंच गयी. 

मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित सालाना महंगाई दर अक्टूबर में 0.16 प्रतिशत थी. एक साल पहले 2018 नवंबर में मुद्रास्फीति 4.47 प्रतिशत थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर आलोच्य महीने में बढ़कर 11.08 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व अक्टूबर महीने में 9.80 प्रतिशत थी. 

इसके कारण खुदरा मुद्रास्फीति के जनवरी में ओर बढ़ने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि पिछले दिन आए आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों के दाम चढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है. यह इसका पांच साल से अधिक सबसे ऊंचा स्तर है और भारतीय रिजर्व बैंक की दृष्टि से सामान्य स्तर को लांघ चकी है. रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति निर्णय लेते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ही आधार बनाता है.


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Last Updated : Jan 14, 2020, 2:23 PM IST
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