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विजया, देना और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय आज से होगा प्रभावी

आज से विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करने लगेंगी.

विजया, देना और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय आज से होगा प्रभावी
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Published : Apr 1, 2019, 8:34 AM IST

नई दिल्ली: दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया. इन दोनों बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. आज से विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करने लगेंगी.

रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'विजया बैंक और देना बैंक के उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा का उपभोक्ता माना जाएगा.' केंद्र सरकार ने अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रुपये देने का पिछले सप्ताह निर्णय लिया था. विलय की योजना के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक एक हजार शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर मिलेंगे.

ये भी पढ़ें-एक अप्रैल के बाद शुरू होने वाली आवासीय परियोजनाओं पर घटी दर से लगेगा जीएसटी

देना बैंक के शेयरधारकों को उनके प्रत्येक एक हजार शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे. विलय के बाद संयुक्त निकाय का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा. यह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 18 रह जाएगी.

देश के बैंकिंग क्षेत्र में 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान कई अहम पहल की गईं. विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के साथ ही सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई (IDBI) बैंक में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को हस्तांतरित कर दिया गया.

वित्त सेवाओं के विभाग ने वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रेकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपये की पूंजी भी डाली. इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक सहित पांच बैंक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरानी से बाहर निकल आए. इस दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित राशि (NPA) राशि में 2018-19 की अप्रैल- सितंबर तिमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी आई.

नई दिल्ली: दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया. इन दोनों बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. आज से विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करने लगेंगी.

रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'विजया बैंक और देना बैंक के उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा का उपभोक्ता माना जाएगा.' केंद्र सरकार ने अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रुपये देने का पिछले सप्ताह निर्णय लिया था. विलय की योजना के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक एक हजार शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर मिलेंगे.

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देना बैंक के शेयरधारकों को उनके प्रत्येक एक हजार शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे. विलय के बाद संयुक्त निकाय का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा. यह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 18 रह जाएगी.

देश के बैंकिंग क्षेत्र में 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान कई अहम पहल की गईं. विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के साथ ही सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई (IDBI) बैंक में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को हस्तांतरित कर दिया गया.

वित्त सेवाओं के विभाग ने वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रेकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपये की पूंजी भी डाली. इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक सहित पांच बैंक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरानी से बाहर निकल आए. इस दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित राशि (NPA) राशि में 2018-19 की अप्रैल- सितंबर तिमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी आई.

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विजया, देना और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय आज से होगा प्रभावी

नई दिल्ली: दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया. इन दोनों बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. आज से विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करने लगेंगी. 

रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'विजया बैंक और देना बैंक के उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा का उपभोक्ता माना जाएगा.' केंद्र सरकार ने अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रुपये देने का पिछले सप्ताह निर्णय लिया था. विलय की योजना के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक एक हजार शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर मिलेंगे.

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देश के बैंकिंग क्षेत्र में 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान कई अहम पहल की गईं. विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के साथ ही सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई (IDBI) बैंक में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को हस्तांतरित कर दिया गया.



वित्त सेवाओं के विभाग ने वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रेकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपये की पूंजी भी डाली. इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक सहित पांच बैंक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरानी से बाहर निकल आए. इस दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित राशि (NPA) राशि में 2018-19 की अप्रैल- सितंबर तिमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी आई. 


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