ETV Bharat / business

प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 50 हजार टन का बफर स्टॉक बनायेगी सरकार

author img

By

Published : Jun 4, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 10:05 PM IST

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका थोक भाव 29 प्रतिशत बढ़कर 11 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है. पिछले साल इसी दौरान भाव 8.50 रुपये का था.दिल्ली में खुदरा प्याज 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही है.

जियो ने क्रिकेट विश्वकप के लिए पेश किया विशेष डाटा पैक

नई दिल्ली: केंद्र ने प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे जैसी स्थिति के मद्देनजर आने वाले महीनों में इस महत्वपूर्ण फसल की कीमत पर अंकुश रखने के लिए 50,000 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है. खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका थोक भाव 29 प्रतिशत बढ़कर 11 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है. पिछले साल इसी दौरान भाव 8.50 रुपये का था.दिल्ली में खुदरा प्याज 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही है.

ये भी पढ़ें- बजट बनाने का काम शुरू, वित्त मंत्रालय में संपर्क बंद

अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "उत्पादक क्षेत्र में सूखे की स्थिति के कारण, रबी की प्याज का उत्पादन कम होने की संभावना है. इससे इसकी आपूर्ति व भाव , दोनों पर दबाव बढ़ सकता है."

सहकारी संस्था, नाफेड को मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत प्याज की खरीद करने के लिए कहा गया है, उसने अब तक रबी की लगभग 32,000 टन रबी की एसी किस्मों की प्याज खरीदी है जिनको जमा कर के कुछ समय के लिए रखा जा सकता है. इस भंडा को जुलाई के बाद नयी आपूर्ति न होने के समय इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि प्याज के अलावा सरकार इस वर्ष दलहन के लिए भी 16.15 लाख टन का बफर स्टॉक बना रही है.

इस वर्ष महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य सूखे की स्थिति से गुजर रहे हैं.

पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार जून में समाप्त होने वाले चालू फसल वर्ष 2018-19 में प्याज उत्पादन थोड़ा अधिक यानी दो करोड़ 36.2 लाख टन होने का अनुमान है जो उत्पादन वर्ष 2017-18 में दो करोड़ 32.6 लाख टन था. सरकार के द्वारा सूखे के प्रभाव के कारण अनुमान को संशोधित किये जाने की उम्मीद है.

भारत के प्याज उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग रबी का होता है जिसकी खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है. भारत में प्याज तीन बार, खरीफ (गरमी), देर खरीफ और रबी (जाड़े) के सीजन में लगायी जाती है.

नई दिल्ली: केंद्र ने प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे जैसी स्थिति के मद्देनजर आने वाले महीनों में इस महत्वपूर्ण फसल की कीमत पर अंकुश रखने के लिए 50,000 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है. खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका थोक भाव 29 प्रतिशत बढ़कर 11 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है. पिछले साल इसी दौरान भाव 8.50 रुपये का था.दिल्ली में खुदरा प्याज 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही है.

ये भी पढ़ें- बजट बनाने का काम शुरू, वित्त मंत्रालय में संपर्क बंद

अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "उत्पादक क्षेत्र में सूखे की स्थिति के कारण, रबी की प्याज का उत्पादन कम होने की संभावना है. इससे इसकी आपूर्ति व भाव , दोनों पर दबाव बढ़ सकता है."

सहकारी संस्था, नाफेड को मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत प्याज की खरीद करने के लिए कहा गया है, उसने अब तक रबी की लगभग 32,000 टन रबी की एसी किस्मों की प्याज खरीदी है जिनको जमा कर के कुछ समय के लिए रखा जा सकता है. इस भंडा को जुलाई के बाद नयी आपूर्ति न होने के समय इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि प्याज के अलावा सरकार इस वर्ष दलहन के लिए भी 16.15 लाख टन का बफर स्टॉक बना रही है.

इस वर्ष महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य सूखे की स्थिति से गुजर रहे हैं.

पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार जून में समाप्त होने वाले चालू फसल वर्ष 2018-19 में प्याज उत्पादन थोड़ा अधिक यानी दो करोड़ 36.2 लाख टन होने का अनुमान है जो उत्पादन वर्ष 2017-18 में दो करोड़ 32.6 लाख टन था. सरकार के द्वारा सूखे के प्रभाव के कारण अनुमान को संशोधित किये जाने की उम्मीद है.

भारत के प्याज उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग रबी का होता है जिसकी खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है. भारत में प्याज तीन बार, खरीफ (गरमी), देर खरीफ और रबी (जाड़े) के सीजन में लगायी जाती है.

Intro:Body:

प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 50 हजार टन का बफर स्टॉक बनायेगी सरकार

नई दिल्ली: केंद्र ने प्याज उत्पादक राज्यों में सूखे जैसी स्थिति के मद्देनजर आने वाले महीनों में इस महत्वपूर्ण फसल की कीमत पर अंकुश रखने के लिए 50,000 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है. खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका थोक भाव 29 प्रतिशत बढ़कर 11 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है. पिछले साल इसी दौरान भाव 8.50 रुपये का था.दिल्ली में खुदरा प्याज 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही है.

ये भी पढ़ें- 

अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "उत्पादक क्षेत्र में सूखे की स्थिति के कारण, रबी की प्याज का उत्पादन कम होने की संभावना है. इससे इसकी आपूर्ति व भाव , दोनों पर दबाव बढ़ सकता है." 

सहकारी संस्था, नाफेड को मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत प्याज की खरीद करने के लिए कहा गया है, उसने अब तक रबी की लगभग 32,000 टन रबी की एसी किस्मों की प्याज खरीदी है जिनको जमा कर के कुछ समय के लिए रखा जा सकता है. इस भंडा को जुलाई के बाद नयी आपूर्ति न होने के समय इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि प्याज के अलावा सरकार इस वर्ष दलहन के लिए भी 16.15 लाख टन का बफर स्टॉक बना रही है.

इस वर्ष महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य सूखे की स्थिति से गुजर रहे हैं.

पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार जून में समाप्त होने वाले चालू फसल वर्ष 2018-19 में प्याज उत्पादन थोड़ा अधिक यानी दो करोड़ 36.2 लाख टन होने का अनुमान है जो उत्पादन वर्ष 2017-18 में दो करोड़ 32.6 लाख टन था. सरकार के द्वारा सूखे के प्रभाव के कारण अनुमान को संशोधित किये जाने की उम्मीद है.

भारत के प्याज उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग रबी का होता है जिसकी खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है. भारत में प्याज तीन बार, खरीफ (गरमी), देर खरीफ और रबी (जाड़े) के सीजन में लगायी जाती है. 

 


Conclusion:
Last Updated : Jun 7, 2019, 10:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.