नई दिल्ली: प्रमुख उद्योगपति सुनील भारती मित्तल ने दूरसंचार उद्योग पर लगने वाले शुल्कों को कम करने की शुक्रवार को एक बार फिर वकालत की.
उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को खजाना भरने के स्रोत की तरह नहीं देखे बल्कि क्षेत्र को आर्थिक गतिविधियों को कई गुणा बढ़ाने वाला मानते हुये इस पर शुल्कों का बोझ कम करे.
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' आह्वान ने उद्योग जगत को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि दूरसंचार नेटवर्क, मोबाइल डिवाइस और सॉफ्टवेयर आदि में भारत में अधिक मूल्य वर्धन हो.
उन्होंने कहा, "कर आमतौर पर इस उद्योग पर बहुत अधिक रहे हैं. यह महत्वपूर्ण है कि इसकी अच्छी तरह से समीक्षा की जाए और स्पेक्ट्रम जैसे दूरसंचार संसाधनों पर शुल्क को खजाना भरने का एक स्रोत नहीं बनना चाहिये, बल्कि इसे आर्थिक गतिविधियों को कई गुना बढ़ाने वाले कारक के रूप में देखना चाहिये. ऐसे में जो कमी होगी, सरकार वह इस उद्योग के सहारे आगे बढ़ने वाले अन्य उद्योगों से कमा लेगी."
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मित्तल भारत में मोबाइल टेलीफोनी के 25 साल पूरा होने के मौके पर सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा आईएमसी स्टूडियो द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, सरकार को यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि काफी उतार-चढ़ाव से जूझने वाले दूरसंचार उद्योग पर शुल्कों व करों के मामले में ध्यान दिया जाये.
(पीटीआई-भाषा)