नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर तक सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह (direct tax collection) छह लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं वित्त वर्ष के दौरान प्रतिमाह औसत माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये है.
राजस्व सचिव तरुण बजाज (Revenue Secretary Tarun Bajaj) ने एक साक्षात्कार में कहा कि सरकार का कर संग्रहण चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान से अधिक रहेगा. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती तथा खाद्य तेल पर सीमा शुल्क में कमी से सरकारी खजाने (burden on the exchequer) पर चालू वित्त वर्ष में करीब 80000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
बजाज ने कहा कि राजस्व विभाग दिसंबर के अग्रिम कर के आंकड़े सामने आने के बाद बजट अनुमान की तुलना में कर संग्रह की गणना शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि रिफंड के बाद भी अक्टूबर तक हमारा कर संग्रह करीब छह लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह अच्छा दिख रहा है. उम्मीद है कि हम बजट अनुमान को पार कर लेंगे.
बजाज ने कहा कि हालांकि, हमने पेट्रोल, डीजल और खाद्य तेल पर अप्रत्यक्ष करों में काफी राहत दी है. यह लाभ करीब 75000 से 80000 करोड़ रुपये का है. इसके बावजूद मुझे उम्मीद है कि हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर (direct and indirect taxes) दोनों में बजट अनुमान को पार करेंगे.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में कर संग्रहण 22.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.5 प्रतिशत अधिक है. 2020-21 में कर संग्रह 20.2 लाख करोड़ रुपये रहा था. कुल कर संग्रह में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा 11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसमें 5.47 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर और 5.61 लाख करोड़ रुपये का आयकर शामिल है.
माल एवं सेवा कर (goods and services tax) के बारे में बजाज ने कहा कि नवंबर का संग्रह अच्छा रहा है लेकिन दिसंबर का आंकड़ा थोड़ा कम रहेगा. मार्च तिमाही में जीएसटी संग्रह फिर बढ़ेगा. बजाज ने कहा कि जीएसटी संग्रह अच्छा है. अक्टूबर में हमने 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया. इस महीने भी दिवाली की वजह से हमारा आंकड़ा अच्छा रहेगा.
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उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह का रन रेट 1.15 लाख करोड़ रुपये से नीचे नहीं जाएगा. चालू वित्त वर्ष में सीमा शुल्क संग्रह का लक्ष्य 1.36 लाख करोड़ रुपये और उत्पाद शुल्क संग्रह का लक्ष्ष्य 3.35 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा केंद्र का जीएसटी राजस्व (मुआवजा उपकर सहित) 6.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
(पीटीआई-भाषा)