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कर सलाहकार संगठन ने वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा चार महीने बढ़ाने का किया आग्रह

टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने नियमों और कर में सैकड़ों बदलाव किए हैं , जिसने पूरी जीएसटी प्रक्रिया और रिटर्न फाइल करने को बहुत भ्रामक बना दिया है. इस संगठन में 400 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कर सलाहकार शामिल हैं.

कर सलाहकार संगठन ने वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा चार महीने बढ़ाने का किया आग्रह
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Published : Jun 19, 2019, 7:42 PM IST

गुवाहाटी: कर एवं कानूनी सलाहकारों के निकाय ने 2017-18 का जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिये दी गई तीन महीने की समयसीमा को लेकर बुधवार को शिकायत की. संगठन ने कहा कि सैकड़ों संशोधनों, अधिसूचना और परिपत्र ने अधिनियम को बहुत जटिल बना दिया है.

संगठन ने जीएसटी की इस पहली वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को कम से कम चार महीने आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.

टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने नियमों और कर में सैकड़ों बदलाव किए हैं , जिसने पूरी जीएसटी प्रक्रिया और रिटर्न फाइल करने को बहुत भ्रामक बना दिया है. इस संगठन में 400 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कर सलाहकार शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- जनवरी 2020 के बाद विंडोज-7 को अपडेट नहीं करेगी माइक्रोसॉफ्ट, विंडोज-10 इस्तेमाल करने का दिया सुझाव

टैक्स बार एसोसिएशन (टीबीए) के अध्यक्ष गोपाल सिंघानिया ने संवाददाता सम्मलेन में कहा, "सरकार ने 2017-18 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फार्म 9, 9 ए और 9 सी मार्च 2019 में ऑनलाइन और अप्रैल 2019 में ऑफलाइन उपलब्ध कराया है. इन्हें समझने और फाइल करने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय दिया गया है."

करदाताओं और सलाहकारों को जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के समय से अब तक सरकार की ओर से जारी स्पष्टीकरण और संशोधन को भी ध्यान में रखना होगा.

सिंघानिया ने 2017-18 के लिए जीएसटीआर -9, 9 ए और जीएसटीआर -9 सी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को कम से कम चार महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 करने का आग्रह किया है.

सिंघानिया ने सुझाव दिया कि वार्षिक रिटर्न को सही तरीके से दाखिल करने के मामले में मासिक अथवा तिमाही रिटर्न में एक बारगी संशोधन काफी अहम जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि 2017- 18 और 2018- 19 के लिये जीएसटीआर 9, 9ए और 9सी की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तिथि को एक साथ अधिसूचित किया जाना चाहिये ताकि दोनों वर्ष के लिये एक साथ बेहतर समन्वय बिठाया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि इससे अनुपालन बेहतर ढंग से हो पायेगा और विशेषकर लघु एवं मझोले उद्यमों के मामले में इससे मदद मिलेगी. छोटे उद्योगों को जीएसटी लागू होने के बाद लेखा- जोखा रखने की जरूरत बढ़ी है.

गुवाहाटी: कर एवं कानूनी सलाहकारों के निकाय ने 2017-18 का जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिये दी गई तीन महीने की समयसीमा को लेकर बुधवार को शिकायत की. संगठन ने कहा कि सैकड़ों संशोधनों, अधिसूचना और परिपत्र ने अधिनियम को बहुत जटिल बना दिया है.

संगठन ने जीएसटी की इस पहली वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को कम से कम चार महीने आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.

टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने नियमों और कर में सैकड़ों बदलाव किए हैं , जिसने पूरी जीएसटी प्रक्रिया और रिटर्न फाइल करने को बहुत भ्रामक बना दिया है. इस संगठन में 400 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कर सलाहकार शामिल हैं.

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टैक्स बार एसोसिएशन (टीबीए) के अध्यक्ष गोपाल सिंघानिया ने संवाददाता सम्मलेन में कहा, "सरकार ने 2017-18 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फार्म 9, 9 ए और 9 सी मार्च 2019 में ऑनलाइन और अप्रैल 2019 में ऑफलाइन उपलब्ध कराया है. इन्हें समझने और फाइल करने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय दिया गया है."

करदाताओं और सलाहकारों को जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के समय से अब तक सरकार की ओर से जारी स्पष्टीकरण और संशोधन को भी ध्यान में रखना होगा.

सिंघानिया ने 2017-18 के लिए जीएसटीआर -9, 9 ए और जीएसटीआर -9 सी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को कम से कम चार महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 करने का आग्रह किया है.

सिंघानिया ने सुझाव दिया कि वार्षिक रिटर्न को सही तरीके से दाखिल करने के मामले में मासिक अथवा तिमाही रिटर्न में एक बारगी संशोधन काफी अहम जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि 2017- 18 और 2018- 19 के लिये जीएसटीआर 9, 9ए और 9सी की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तिथि को एक साथ अधिसूचित किया जाना चाहिये ताकि दोनों वर्ष के लिये एक साथ बेहतर समन्वय बिठाया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि इससे अनुपालन बेहतर ढंग से हो पायेगा और विशेषकर लघु एवं मझोले उद्यमों के मामले में इससे मदद मिलेगी. छोटे उद्योगों को जीएसटी लागू होने के बाद लेखा- जोखा रखने की जरूरत बढ़ी है.

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कर सलाहकार संगठन ने वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा चार महीने बढ़ाने का किया आग्रह

गुवाहाटी: कर एवं कानूनी सलाहकारों के निकाय ने 2017-18 का जीएसटी रिटर्न  दाखिल करने के लिये दी गई तीन महीने की समयसीमा को लेकर बुधवार को शिकायत की. संगठन ने कहा कि सैकड़ों संशोधनों, अधिसूचना और परिपत्र ने अधिनियम को बहुत जटिल बना दिया है. 

संगठन ने जीएसटी की इस पहली वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को कम से कम चार महीने आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. 

टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने नियमों और कर में सैकड़ों बदलाव किए हैं , जिसने पूरी जीएसटी प्रक्रिया और रिटर्न फाइल करने को बहुत भ्रामक बना दिया है. इस संगठन में 400 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कर सलाहकार शामिल हैं. 

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टैक्स बार एसोसिएशन (टीबीए) के अध्यक्ष गोपाल सिंघानिया ने संवाददाता सम्मलेन में कहा, "सरकार ने 2017-18 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फार्म 9, 9 ए और 9 सी मार्च 2019 में ऑनलाइन और अप्रैल 2019 में ऑफलाइन उपलब्ध कराया है. इन्हें समझने और फाइल करने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय दिया गया है."

करदाताओं और सलाहकारों को जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के समय से अब तक सरकार की ओर से जारी स्पष्टीकरण और संशोधन को भी ध्यान में रखना होगा. 

सिंघानिया ने 2017-18 के लिए जीएसटीआर -9, 9 ए और जीएसटीआर -9 सी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को कम से कम चार महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2018 करने का आग्रह किया है. 

सिंघानिया ने सुझाव दिया कि वार्षिक रिटर्न को सही तरीके से दाखिल करने के मामले में मासिक अथवा तिमाही रिटर्न में एक बारगी संशोधन काफी अहम जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि 2017- 18 और 2018- 19 के लिये जीएसटीआर 9, 9ए और 9सी की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तिथि को एक साथ अधिसूचित किया जाना चाहिये ताकि दोनों वर्ष के लिये एक साथ बेहतर समन्वय बिठाया जा सकेगा. 

उन्होंने कहा कि इससे अनुपालन बेहतर ढंग से हो पायेगा और विशेषकर लघु एवं मझोले उद्यमों के मामले में इससे मदद मिलेगी. छोटे उद्योगों को जीएसटी लागू होने के बाद लेखा- जोखा रखने की जरूरत बढ़ी है. 


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