हैदराबाद:आरबीआई कि ओर से एनबीएफसी को दिए राहत पर आर गांधी कहा कि यह सही समय पर उठाया गया कदम है. यह घोषणा एनबीएफसी सेक्टर के लिए बेहद मददगार साबित होगा. इससे एनबीएफसी को फंड जुटाने में काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि एनबीएफसी सेक्टर को अपने वर्किंग कैपिटल और कैश फ्लो कम कम करने में मदद मिलेगी.
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने फंड फ्लो को बढ़ावा देने के लिए रिवर्स रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिया है. जिसके कारण बैंक अपने अतिरिक्त धन को रिजर्व बैंक के पास जमा कराने की बजाय लोन के बांटकर अधिक ब्याज कमाने पर जोर देंगे.
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आरबीआई ने पिछले महीने के आखिर में एलान किया था कि वह बैंकों को धन उपलब्ध कराने के लिए एक लाख करोड़ के टीएलटीआरओ के जरिए बाजार में पैसे डालेगा. टीएलटीआरओ के तहत आरबीआई तत्काली रेपो दर पर एक साल से तीन साल की अवधि के लिए बैंकों को धन उपलब्ध कराता है. अब बैंक तीन साल तक कम रेट पर लोन लेकर बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे.
गांधी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक के 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सुविधा उपलब्ध कराने के निर्णय का स्वागत किया. इसके लिए केंद्रीय बैंक ने लक्षित दीर्घावधि रेपो ऑपरेशन (टीएलटीआरओ)शुरू किया है.
उन्होंने कहा कि बैंक इस कोष को एनबीएफसी के बांड, वाणिज्यिक बांड, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेशक कर सकते हैं. इसमें से 50 प्रतिशत लघु और मध्यम आकार की एनबीएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों में निवेश किया जाना है.