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व्यापार के मुक्त प्रवाह में कोई बाधा नहीं डाली जानी चाहिए: प्रभु - डोनाल्ड ट्रंप

सुरेश प्रभु ने कहा, "जी 20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, बुनियादी ढांचे का विकास और वैश्विक आर्थिक स्थिरता भारत की प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी."

व्यापार के मुक्त प्रवाह में कोई बाधा नहीं डाली जानी चाहिए: प्रभु
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Published : Jun 21, 2019, 8:37 PM IST

नई दिल्ली: जापान में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के पहले, भारत के जी 20 शेरपा सुरेश प्रभु ने कहा कि व्यापार के मुक्त प्रवाह पर कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भारत-अमेरिका व्यापार मुद्दों के संदर्भ पर कहा.

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में अमेरिकी के साथ चल रहे व्यापार मुद्दों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का सामना करेंगे, उन्होंने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है. यह इस संबंध के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है और, हम मानते हैं कि यह रिश्ता आपसी लाभ के लिए बढ़ना चाहिए."

ये भी पढ़ें: जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला, अब आधार से कारोबारी कर सकेंगे जीएसटी का रजिस्ट्रेशन

विवाद के समाधान पर जोर देते हुए, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन को मजबूत करने के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "विश्व व्यापार संगठन के प्रतिबंधों में से कोई भी व्यापार के मुक्त प्रवाह पर नहीं लगाया जाना चाहिए."

सुरेश प्रभु ने कहा, "जी 20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, बुनियादी ढांचे का विकास और वैश्विक आर्थिक स्थिरता भारत की प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी."

प्रधान मंत्री मोदी 27-28 जून को जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. एमईए के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जापानी प्रधान मंत्री शिंजो अबे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें की होंगी.

यही नहीं, ब्रिक्स के सदस्यों की अनौपचारिक बैठक भी शिखर सम्मेलन के दौरान होगी.

नई दिल्ली: जापान में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के पहले, भारत के जी 20 शेरपा सुरेश प्रभु ने कहा कि व्यापार के मुक्त प्रवाह पर कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भारत-अमेरिका व्यापार मुद्दों के संदर्भ पर कहा.

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में अमेरिकी के साथ चल रहे व्यापार मुद्दों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का सामना करेंगे, उन्होंने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है. यह इस संबंध के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है और, हम मानते हैं कि यह रिश्ता आपसी लाभ के लिए बढ़ना चाहिए."

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विवाद के समाधान पर जोर देते हुए, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन को मजबूत करने के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "विश्व व्यापार संगठन के प्रतिबंधों में से कोई भी व्यापार के मुक्त प्रवाह पर नहीं लगाया जाना चाहिए."

सुरेश प्रभु ने कहा, "जी 20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, बुनियादी ढांचे का विकास और वैश्विक आर्थिक स्थिरता भारत की प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी."

प्रधान मंत्री मोदी 27-28 जून को जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. एमईए के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जापानी प्रधान मंत्री शिंजो अबे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें की होंगी.

यही नहीं, ब्रिक्स के सदस्यों की अनौपचारिक बैठक भी शिखर सम्मेलन के दौरान होगी.

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नई दिल्ली: जापान में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के पहले, भारत के जी 20 शेरपा सुरेश प्रभु ने कहा कि व्यापार के मुक्त प्रवाह पर कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भारत-अमेरिका व्यापार मुद्दों के संदर्भ पर कहा.

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में अमेरिकी के साथ चल रहे व्यापार मुद्दों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का सामना करेंगे, उन्होंने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है. यह इस संबंध के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है और, हम मानते हैं कि यह रिश्ता आपसी लाभ के लिए बढ़ना चाहिए."

विवाद के समाधान पर जोर देते हुए, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन को मजबूत करने के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "विश्व व्यापार संगठन के प्रतिबंधों में से कोई भी व्यापार के मुक्त प्रवाह पर नहीं लगाया जाना चाहिए."

सुरेश प्रभु ने कहा, "जी 20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, बुनियादी ढांचे का विकास और वैश्विक आर्थिक स्थिरता भारत की प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी."

प्रधान मंत्री मोदी 27-28 जून को जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. एमईए के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जापानी प्रधान मंत्री शिंजो अबे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें की होंगी.

यही नहीं, ब्रिक्स के सदस्यों की अनौपचारिक बैठक भी शिखर सम्मेलन के दौरान होगी.

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