मुंबई: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को कहा कि वह 10 जून से अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा.
बैंक ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा है कि एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर को 7.25 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. बैंक की ओर से लगातार 13वीं बार एमसीएलआर दर में कटौती की गई है.
स्टेट बैंक इससे पहले बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी रिण दर (ईबीआर) के साथ ही रेपो दर से जुड़ी कर्ज की ब्याज दर (आरएलएलआर) में एक जुलाई से 0.40 प्रतिशत कटौती की घोषणा कर चुका है. बैंक ने ईबीआर दर को जहां 7.05 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत सालाना कर दिया है, वहीं रेपो दर से जुड़ी ब्याज दर को 6.65 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है.
बैंक की विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस हिसाब से एमसीएलआर दर से जुड़े आवास रिण की समान मासिक किस्त की राशि में 421 रुपये की कमी आयेगी वहीं ईबीआर, आरएलएलआर से जुड़े आवास रिण की मासिक किस्त में 660 रुपये की कमी आयेगी. यह गणना 30 साल की अवधि के 25 लाख रुपये तक के आवास रिण पर की गई है."
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रिजर्व बैंक ने 22 मई को रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती कर उसे चार प्रतिशत कर दिया. उसके बाद ही स्टेट बैंक ने बाह्य मानकों से जुड़ी कर्ज की ब्याज दर और रेपो दर से जुड़े कर्ज की दर में यह कटौती की.
पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया और यूको बैंक जैसे कुछ अन्य बैंकों ने भी रेपो दर और एमसीएलआर दरों से जुड़ी बयाज दरों में कटौती की है. स्टेट बैंक ने अपनी आधार दर को 0.75 आधार अंक घटाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया. पहले यह 8.15 प्रतिशत पर थी. यह कटौती 10 जून से प्रभावी होगी.
(पीटीआई-भाषा)