नई दिल्ली : खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने से फरवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका चार माह का उच्चस्तर है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी में 1.97 प्रतिशत तथा फरवरी, 2018 में 4.44 प्रतिशत थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 प्रतिशत नीचे रही.
हालांकि, यह जनवरी में शून्य से 2.24 प्रतिशत नीचे के मुकाबले मजबूत हुई है. इससे पहले नवंबर, 2018 में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 प्रतिशत के निचले स्तर पर थी.
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है.
(भाषा)
पढ़ें : गांवों को आदर्श बनाने के लिए फसल पैटर्न को बदलने की आवश्यकता: गडकरी
खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंची - खुदरा महंगाई दर
फरवरी महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका चार माह का उच्चतम स्तर है.
नई दिल्ली : खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने से फरवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका चार माह का उच्चस्तर है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी में 1.97 प्रतिशत तथा फरवरी, 2018 में 4.44 प्रतिशत थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 प्रतिशत नीचे रही.
हालांकि, यह जनवरी में शून्य से 2.24 प्रतिशत नीचे के मुकाबले मजबूत हुई है. इससे पहले नवंबर, 2018 में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 प्रतिशत के निचले स्तर पर थी.
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है.
(भाषा)
पढ़ें : गांवों को आदर्श बनाने के लिए फसल पैटर्न को बदलने की आवश्यकता: गडकरी
नई दिल्ली : खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने से फरवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका चार माह का उच्चस्तर है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी में 1.97 प्रतिशत तथा फरवरी, 2018 में 4.44 प्रतिशत थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 प्रतिशत नीचे रही.
हालांकि, यह जनवरी में शून्य से 2.24 प्रतिशत नीचे के मुकाबले मजबूत हुई है. इससे पहले नवंबर, 2018 में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 प्रतिशत के निचले स्तर पर थी.
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है.
(भाषा)
पढ़ें :
Conclusion: