बेंगलुरु: मकानों की बिक्री में 2019 में तेजी आने की उम्मीद है. रियल एस्टेट बाजार रेरा, जीएसटी और नोटबंदी जैसे नीतिगत सुधारों के प्रभाव को खपा चुका है और अब सुधार की ओर बढ़ रहा है. संपत्ति सलाहकार फर्म सीबीआरई ने यह जानकारी दी है. सीबीआरई ने कहा कि आवास, कार्यालय, खुदरा और लॉजिस्टिक्स सहित सभी क्षेत्रों में कुल मिलाकर 2019 में कुल 20 करोड़ वर्ग फुट जगह और जुड़ जाएगी.
फर्म ने 'भारत-रियल एस्टेट बाजार परिदृश्य 2019' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत में रियल एस्टेट संपत्ति का स्टॉक इस वर्ष के अंत तक बढ़कर 3,700 अरब वर्ग फुट तक पहुंच जाएगा. सीबीआरई इंडिया के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुमन मैगजीन ने कहा कि प्रौद्योगिकी, मांग-आपूर्ति स्थिति, कारोबार सुगमता रैकिंग में सुधार और जीएसटी, रेरा समेत अन्य सुधारों का प्रभाव खप जाने जैसे विभिन्न मामलों से 2019 में भारतीय रियल एस्टेट बाजार निर्देशित होगा.
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सीबीआरई ने कहा कि इसके चलते नए मकानों की आपूर्ति में सालाना करीब 15 प्रतिशत और बिक्री में 13 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. मैगजीन सीबीआरई के दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एिशया और अफ्रीका क्षेत्र के चेयरमैन और सीईओ भी हैं. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि के चलते 2019 में करीब 20 करोड़ वर्गफुट अतिरिक्त रियल एस्टेट तैयार होगा. इसमें कार्यालय, खुदरा, आवासीय और दूसरी सुविधाएं शामिल हैं.
सीबीआरई ने कहा कि 2016 और 2017 में नोटबंदी, रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण और माल एवं सेवाकर जैसे नीतिगत सुधारों के बाद आवासीय बाजार इससे पैदा प्रभाव को अब काफी कुछ झेल चुका है और अब सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.