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अर्थव्यवस्था को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए कर रहें हैं प्रयास: दास

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Published : Apr 13, 2020, 3:20 PM IST

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान दास ने कहा कि मैक्रो-इकोनॉमी पर इसके बहुत अधिक प्रभाव से पहले इसके प्रसार को रोकने की जरूरत है. इन परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में वित्त के सुगम प्रवाह को सुनिश्चित करना अनिवार्य है, क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

अर्थव्यवस्था को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए कर रहें हैं प्रयास: दास
अर्थव्यवस्था को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए कर रहें हैं प्रयास: दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के प्रकोप से पड़ने वाले प्रभावों से बचाने के लिए सभी तरह के प्रयासों की आवश्यकता है.

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान दास ने कहा कि मैक्रो-इकोनॉमी पर इसके बहुत अधिक प्रभाव से पहले इसके प्रसार को रोकने की जरूरत है. इन परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में वित्त के सुगम प्रवाह को सुनिश्चित करना अनिवार्य है, क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

उन्होंने कहा, हम एक असाधारण समय से गुजर रहे हैं और वर्तमान में देश के सामने जो स्थिति है, वह अभूतपूर्व है. इसलिए घरेलू अर्थव्यवस्था को महामारी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना अनिवार्य है.

ये भी पढ़ें-दफ्तर पहुंचे मोदी के मंत्री, वित्तमंत्री ने भी शुरू किया काम

उन्होंने कहा कि यह सुकून देने वाला है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मैक्रो-इकोनॉमी (वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे) में निरंतर सुधार हो रहा है, खासकर वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की स्थितियों को देखें तो इसमें सुधार है.

इस दौरान दास ने 24, 26 और 27 मार्च को हुई बैठक के दौरान 75 आधार अंकों की कटौती पर भी अपनी सहमति जताई.

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नजर बनाए हुए है और वह कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता कायम करने के लिए किसी भी तरह के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कदम उठाने से नहीं हिचकेगा.

दास ने बैठक के दौरान कहा कि इस महामारी पर जल्द-से-जल्द काबू पाए जाने की जरूरत है.

(आईएएनएस)

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के प्रकोप से पड़ने वाले प्रभावों से बचाने के लिए सभी तरह के प्रयासों की आवश्यकता है.

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान दास ने कहा कि मैक्रो-इकोनॉमी पर इसके बहुत अधिक प्रभाव से पहले इसके प्रसार को रोकने की जरूरत है. इन परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में वित्त के सुगम प्रवाह को सुनिश्चित करना अनिवार्य है, क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

उन्होंने कहा, हम एक असाधारण समय से गुजर रहे हैं और वर्तमान में देश के सामने जो स्थिति है, वह अभूतपूर्व है. इसलिए घरेलू अर्थव्यवस्था को महामारी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना अनिवार्य है.

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उन्होंने कहा कि यह सुकून देने वाला है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मैक्रो-इकोनॉमी (वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे) में निरंतर सुधार हो रहा है, खासकर वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की स्थितियों को देखें तो इसमें सुधार है.

इस दौरान दास ने 24, 26 और 27 मार्च को हुई बैठक के दौरान 75 आधार अंकों की कटौती पर भी अपनी सहमति जताई.

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नजर बनाए हुए है और वह कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता कायम करने के लिए किसी भी तरह के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कदम उठाने से नहीं हिचकेगा.

दास ने बैठक के दौरान कहा कि इस महामारी पर जल्द-से-जल्द काबू पाए जाने की जरूरत है.

(आईएएनएस)

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