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छोटे शहरों, पूर्वोत्तर में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को 500 करोड़ रुपये का कोष बनाएगा आरबीआई

इसके तहत छोटे शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण लगाए जाएंगे. इस कोष में केंद्रीय बैंक शुरुआती 250 करोड़ रुपये का योगदान देगा. शेष राशि का वित्तपोषण कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड नेटवर्क करेंगे.

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Published : Jun 6, 2020, 12:31 PM IST

छोटे शहरों, पूर्वोत्तर में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को 500 करोड़ रुपये का कोष बनाएगा आरबीआई
छोटे शहरों, पूर्वोत्तर में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को 500 करोड़ रुपये का कोष बनाएगा आरबीआई

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने छोटे शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का भुगतान संरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) बनाने की घोषणा की है. इसके तहत छोटे शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण लगाए जाएंगे. इस कोष में केंद्रीय बैंक शुरुआती 250 करोड़ रुपये का योगदान देगा. शेष राशि का वित्तपोषण कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड नेटवर्क करेंगे.

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बयान में कहा कि हाल के बरसों में देश में भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र काफी बदला है. अब भुगतान के कई विकल्प मसलन बैंक खाते, मोबाइल फोन और कार्ड उपलब्ध हैं. बयान में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहन देने के लिए विशेषरूप से वंचित क्षेत्रों में स्वीकार्य ढांचा उपलब्ध कराने की जरूरत है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि वह इस कोष में शुरुआती 250 करोड़ रुपये का योगदान देगा. शेष राशि कार्ड जारी करने वाले बैंक और देश में परिचालन कर रहे कार्ड नेटवर्क उपलब्ध कराएंगे. इसके अलावा पीआईडीएफ को कार्ड जारी करने वाले बैंकों और कार्ड नेटवर्कों से परिचालन खर्च को पूरा करने के लिए आवर्ती योगदान भी मिलेगा.

ये भी पढ़ें: वित्तीय परिस्थितियों को आसान बनाने की हर संभव कोशिश करने के पक्षधर हैं आरबीआई गवर्नर

बयान में कहा गया है कि सालाना आधार पर किसी तरह की कमी होने पर उसकी भरपाई को केंद्रीय बैंक योगदान देगा. पीआईडीएफ की निगरानी सलाहकार परिषद करेगी. इसका प्रशासनिक नियंत्रण रिजर्व बैंक के पास रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने छोटे शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का भुगतान संरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) बनाने की घोषणा की है. इसके तहत छोटे शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण लगाए जाएंगे. इस कोष में केंद्रीय बैंक शुरुआती 250 करोड़ रुपये का योगदान देगा. शेष राशि का वित्तपोषण कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड नेटवर्क करेंगे.

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बयान में कहा कि हाल के बरसों में देश में भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र काफी बदला है. अब भुगतान के कई विकल्प मसलन बैंक खाते, मोबाइल फोन और कार्ड उपलब्ध हैं. बयान में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहन देने के लिए विशेषरूप से वंचित क्षेत्रों में स्वीकार्य ढांचा उपलब्ध कराने की जरूरत है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि वह इस कोष में शुरुआती 250 करोड़ रुपये का योगदान देगा. शेष राशि कार्ड जारी करने वाले बैंक और देश में परिचालन कर रहे कार्ड नेटवर्क उपलब्ध कराएंगे. इसके अलावा पीआईडीएफ को कार्ड जारी करने वाले बैंकों और कार्ड नेटवर्कों से परिचालन खर्च को पूरा करने के लिए आवर्ती योगदान भी मिलेगा.

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बयान में कहा गया है कि सालाना आधार पर किसी तरह की कमी होने पर उसकी भरपाई को केंद्रीय बैंक योगदान देगा. पीआईडीएफ की निगरानी सलाहकार परिषद करेगी. इसका प्रशासनिक नियंत्रण रिजर्व बैंक के पास रहेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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