मुंबई: देश में कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को सुरक्षित, सुविधाजनक, तेज और सस्ती ई-भुगतान प्रणाली को लेकर एक विजन दस्तावेज जारी किया है. यह दस्तावेज देश में आनलाइन भुगतान प्रणाली में आने वाले दो साल के दौरान होने वाली भारी वृद्धि को ध्यान में रखते हुये जारी किया गया है.
रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन चार गुना से भी अधिक बढ़कर 8,707 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा. रिजर्व बैंक ने 'भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली: विजन 2019- 2021' दस्तावेज को जारी करते हुये देश में ई- भुगतान के अनुभव को बेहतर बनाने और उच्च डिजिटल और कम नकदी वाला समाज बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है.
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रिजर्व बेंक ने कहा है कि नये सेवाप्रदाताओं और नये तौर तरीकों के आने से भुगतान प्रणाली में लगातार बदलाव जारी रहेगा. इससे उपभोक्ताओं को बेहतर लागत पर विभिन्न प्रकार के भुगतान प्रणाली के विकल्प उपलब्ध होंगे.
रिजर्व बैंक इस विजन दस्तावेज को 2019- 2021 के दौरान अमल में लायेगा. इससे पहले पिछला विजन दस्तावेज 2016 से 2018 के लिये जारी किया गया था. देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन दिसंबर, 2018 के 2,069 करोड़ रुपये से चार गुना से अधिक बढ़कर दिसंबर 2021 तक 8,707 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.