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रेपो दरों में बलदाव नहीं, चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव होने की उम्मीद: दास

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Published : Oct 9, 2020, 10:05 AM IST

Updated : Oct 9, 2020, 3:38 PM IST

आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमसीपी) की तीन दिनों से जारी बैठक के नतीजे शुक्रवार सुबह 10 बजे जारी कर दिए गए. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस बार एमसीपी ने रेपो दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है.

आरबीआई ने रेपो दरों में नहीं किया कोई बदलाव
आरबीआई ने रेपो दरों में नहीं किया कोई बदलाव

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख को बनाये रखेगा. नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है.

ये भी पढ़ें- कोविड संकट के बीच भारत के अमीर बने और अमीर

उन्होंने कहा, "नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिश्त पर बरकरार रखा जा रहा है." रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी. दास ने कहा कि मैद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये उदार रुख बनाये रखने के पक्ष में मतदान किया.

उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा. तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है. दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी.

इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. यह वर्तमान में चार प्रतिशत है और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है. यदि बैठक में रेपो रेट कम हो जाती है तो इससे ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी.

जीडीपी में इस साल 9.5 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने यह अनुमान व्यक्त किया. इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है.

खाद्यान्नों के उत्पादन में बन सकता है नया रिकॉर्ड

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है.

आरबीआई गवर्नर की मुख्य बातें:-

  • रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिश्त पर बरकरार रखा
  • आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बनाये रखेगा
  • कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है
  • अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं
  • अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत
  • चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख को बनाये रखेगा. नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है.

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उन्होंने कहा, "नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिश्त पर बरकरार रखा जा रहा है." रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी. दास ने कहा कि मैद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये उदार रुख बनाये रखने के पक्ष में मतदान किया.

उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा. तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है. दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी.

इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. यह वर्तमान में चार प्रतिशत है और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है. यदि बैठक में रेपो रेट कम हो जाती है तो इससे ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी.

जीडीपी में इस साल 9.5 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने यह अनुमान व्यक्त किया. इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है.

खाद्यान्नों के उत्पादन में बन सकता है नया रिकॉर्ड

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है.

आरबीआई गवर्नर की मुख्य बातें:-

  • रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिश्त पर बरकरार रखा
  • आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बनाये रखेगा
  • कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है
  • अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं
  • अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत
  • चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान
Last Updated : Oct 9, 2020, 3:38 PM IST
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