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आबीआई 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरिक करेगा

इसकी सिफारिश संशोधित आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क में की गई है जिसे केंद्रीय बोर्ड की बैठक में सोमवार को स्वीकार किया गया. आरबीआई ने सरकार की सलाह से केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था.

आबीआई 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरिक करेगा
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Published : Aug 27, 2019, 11:55 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:50 AM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को 1,76,051 करोड़ रुपये भारत सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला लिया, जिसमें 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान शामिल है.

आबीआई 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरिक करेगा
2013-14 से आरबीआई का सरकार को हस्तांतरित अधिशेष

इसकी सिफारिश संशोधित आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क में की गई है जिसे केंद्रीय बोर्ड की बैठक में सोमवार को स्वीकार किया गया.

आरबीआई ने सरकार की सलाह से केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था.

समिति ने अपनी रिपोर्ट आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को शुक्रवार को ही सौंप दी थी.

ये भी पढ़ें: मसाला बांड को लोकप्रिय बनाने के लिये नीतिगत पहल के पक्ष में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर

समिति ने केंद्रीय बैंक के वित्तीय लचीलापन, दूसरे देशों की परंपराओं, वैधानिक प्रावधानों और आरबीआई की सावर्जनिक नीति की अनिवार्यता के साथ-साथ इसके तुलन पत्र पर प्रभाव और इसमें शामिल जोखिम को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दीं.

समिति की सिफारिशें इस तथ्य से निर्देशित थीं कि आरबीआई मौद्रिक, वित्तीय और बाहरी स्थिरता के लिए पहले बचाव का जरिया बनाता है. इसलिए आरबीआई को लचीलापन बनाए रखने के लिए अपनी सार्वजनिक नीति के उद्देश्यों के अनुसार चलने की जरूरत होती है.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को 1,76,051 करोड़ रुपये भारत सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला लिया, जिसमें 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान शामिल है.

आबीआई 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को हस्तांतरिक करेगा
2013-14 से आरबीआई का सरकार को हस्तांतरित अधिशेष

इसकी सिफारिश संशोधित आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क में की गई है जिसे केंद्रीय बोर्ड की बैठक में सोमवार को स्वीकार किया गया.

आरबीआई ने सरकार की सलाह से केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था.

समिति ने अपनी रिपोर्ट आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को शुक्रवार को ही सौंप दी थी.

ये भी पढ़ें: मसाला बांड को लोकप्रिय बनाने के लिये नीतिगत पहल के पक्ष में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर

समिति ने केंद्रीय बैंक के वित्तीय लचीलापन, दूसरे देशों की परंपराओं, वैधानिक प्रावधानों और आरबीआई की सावर्जनिक नीति की अनिवार्यता के साथ-साथ इसके तुलन पत्र पर प्रभाव और इसमें शामिल जोखिम को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दीं.

समिति की सिफारिशें इस तथ्य से निर्देशित थीं कि आरबीआई मौद्रिक, वित्तीय और बाहरी स्थिरता के लिए पहले बचाव का जरिया बनाता है. इसलिए आरबीआई को लचीलापन बनाए रखने के लिए अपनी सार्वजनिक नीति के उद्देश्यों के अनुसार चलने की जरूरत होती है.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को 1,76,051 करोड़ रुपये भारत सरकार को हस्तांतरित करने का फैसला लिया, जिसमें 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान शामिल है.

इसकी सिफारिश संशोधित आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क में की गई है जिसे केंद्रीय बोर्ड की बैठक में सोमवार को स्वीकार किया गया.

आरबीआई ने सरकार की सलाह से केंद्रीय बैंक के आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था.

समिति ने अपनी रिपोर्ट आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को शुक्रवार को ही सौंप दी थी.

समिति ने केंद्रीय बैंक के वित्तीय लचीलापन, दूसरे देशों की परंपराओं, वैधानिक प्रावधानों और आरबीआई की सावर्जनिक नीति की अनिवार्यता के साथ-साथ इसके तुलन पत्र पर प्रभाव और इसमें शामिल जोखिम को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दीं.

समिति की सिफारिशें इस तथ्य से निर्देशित थीं कि आरबीआई मौद्रिक, वित्तीय और बाहरी स्थिरता के लिए पहले बचाव का जरिया बनाता है. इसलिए आरबीआई को लचीलापन बनाए रखने के लिए अपनी सार्वजनिक नीति के उद्देश्यों के अनुसार चलने की जरूरत होती है.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 10:50 AM IST
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