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रबी खाद्यान्न उत्पादन पिछले रिकॉर्ड को लांघ सकता है : कृषि मंत्री तोमर

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Published : Jan 2, 2021, 5:13 PM IST

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तोमर ने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र ने वर्ष 2020 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया क्योंकि खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई. इसी प्रकार रबी खाद्यान्न से भी रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद की जा रही है.

रबी खाद्यान्न उत्पादन पिछले रिकॉर्ड को लांघ सकता है: कृषि मंत्री तोमर
रबी खाद्यान्न उत्पादन पिछले रिकॉर्ड को लांघ सकता है: कृषि मंत्री तोमर

नई दिल्ली : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, देश में गेहूं सहित रबी खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 15 करोड़ 32.7 लाख टन के उत्पादन से भी बेहतर रहने की उम्मीद है. रबी (सर्दियों) की फसलों की बुवाई चल रही है.

खरीफ (ग्रीष्म) की फसलों की कटाई के तुरंत बाद रबी की बुआई अक्टूबर से शुरू होती है. गेहूं और सरसों प्रमुख रबी फसलें हैं. फसल वर्ष जुलाई से अगले वर्ष जून तक का होता है.

तोमर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि देश के कृषि क्षेत्र ने वर्ष 2020 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया क्योंकि खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई. किसानों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद कड़ी मेहनत की और अपनी अहमियत साबित की.

उन्होंने कहा, "इस साल हमें पिछले साल के रबी सत्र की तुलना में बेहतर खाद्यान्न उत्पादन होने की उम्मीद है."

फसल वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र ने 30.1 करोड़ टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें से रबी सत्र से 15 करोड़ 16.5 लाख टन का योगदान होने की उम्मीद है.

इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि विपणन पर दो नए कृषि कानूनों, 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन, एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत ढांचा कोष सहित हाल की सरकार की पहल की दिशा में की जाने वाली प्रगति भी किसानों को लाभान्वित करेगी और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगी.

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि किसानों की कड़ी मेहनत और मोदी सरकार की किसान समर्थक नीतियों से कृषि क्षेत्र मजबूत होगा. नए सुधारों से भी इस क्षेत्र को फायदा होगा."

ये भी पढ़ें : परिधान क्षेत्र को 2021 में वृद्धि की उम्मीद : आईटीएफ

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सत्र में अब तक गेहूं की बुवाई का रकबा चार प्रतिशत बढ़कर 325.35 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि बेहतर मानसून की बारिश की वजह से दलहनों की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर 154.80 लाख हेक्टेयर हो गया है.

चालू रबी सत्र में अभी तक धान खेती का रकबा मामूली गिरावट के साथ 14.83 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 15.47 लाख हेक्टेयर था. मोटे अनाजों का रकबा इस रबी सत्र में घटकर अब तक 45.12 लाख हेक्टेयर ही है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 49.90 लाख हेक्टेयर था.

हालांकि, तिलहन के लिए बुवाई क्षेत्र एक साल पहले 75.93 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 80.61 लाख हेक्टेयर हो गया है.

विभिन्न रबी फसलों के तहत कुल बुवाई का रकबा पहले के 603.15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 620.71 लाख हेक्टेयर हो गया है.

सरकार के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 29 करोड़ 66.5 लाख टन का हुआ है.

नई दिल्ली : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, देश में गेहूं सहित रबी खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 15 करोड़ 32.7 लाख टन के उत्पादन से भी बेहतर रहने की उम्मीद है. रबी (सर्दियों) की फसलों की बुवाई चल रही है.

खरीफ (ग्रीष्म) की फसलों की कटाई के तुरंत बाद रबी की बुआई अक्टूबर से शुरू होती है. गेहूं और सरसों प्रमुख रबी फसलें हैं. फसल वर्ष जुलाई से अगले वर्ष जून तक का होता है.

तोमर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि देश के कृषि क्षेत्र ने वर्ष 2020 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया क्योंकि खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई. किसानों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद कड़ी मेहनत की और अपनी अहमियत साबित की.

उन्होंने कहा, "इस साल हमें पिछले साल के रबी सत्र की तुलना में बेहतर खाद्यान्न उत्पादन होने की उम्मीद है."

फसल वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र ने 30.1 करोड़ टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें से रबी सत्र से 15 करोड़ 16.5 लाख टन का योगदान होने की उम्मीद है.

इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि विपणन पर दो नए कृषि कानूनों, 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन, एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत ढांचा कोष सहित हाल की सरकार की पहल की दिशा में की जाने वाली प्रगति भी किसानों को लाभान्वित करेगी और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगी.

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि किसानों की कड़ी मेहनत और मोदी सरकार की किसान समर्थक नीतियों से कृषि क्षेत्र मजबूत होगा. नए सुधारों से भी इस क्षेत्र को फायदा होगा."

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सत्र में अब तक गेहूं की बुवाई का रकबा चार प्रतिशत बढ़कर 325.35 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि बेहतर मानसून की बारिश की वजह से दलहनों की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर 154.80 लाख हेक्टेयर हो गया है.

चालू रबी सत्र में अभी तक धान खेती का रकबा मामूली गिरावट के साथ 14.83 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 15.47 लाख हेक्टेयर था. मोटे अनाजों का रकबा इस रबी सत्र में घटकर अब तक 45.12 लाख हेक्टेयर ही है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 49.90 लाख हेक्टेयर था.

हालांकि, तिलहन के लिए बुवाई क्षेत्र एक साल पहले 75.93 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 80.61 लाख हेक्टेयर हो गया है.

विभिन्न रबी फसलों के तहत कुल बुवाई का रकबा पहले के 603.15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 620.71 लाख हेक्टेयर हो गया है.

सरकार के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 29 करोड़ 66.5 लाख टन का हुआ है.

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