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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2018-19 में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज निकाले

बैंकों ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों की वसूली की. पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 60,713 करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज वसूले थे.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2018-19 में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज निकाले
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Published : May 25, 2019, 12:20 PM IST

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों की वसूली की. बैंकों को मुख्य रूप से दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत वसूली से यह सफलता हासिल हुई है.

पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 60,713 करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज वसूले थे.

ये भी पढ़ें- संगठित क्षेत्र में मार्च में 11.38 लाख नौकरियों का सृजनः ईएसआईसी आंकड़े

अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के तहत कुछ बड़े मामलों के समाधान नहीं हो पाने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1.80 लाख करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए. लेकिन ये मामले चालू वित्त वर्ष में निपट जाने चाहिए."

अधिकारी ने बताया कि बैंकों को एनसीएलटी से जुड़े मुद्दों के समाधान से करीब 55,000 करोड़ रुपये हासिल हुए.

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों की वसूली की. बैंकों को मुख्य रूप से दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत वसूली से यह सफलता हासिल हुई है.

पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 60,713 करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज वसूले थे.

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अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के तहत कुछ बड़े मामलों के समाधान नहीं हो पाने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1.80 लाख करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए. लेकिन ये मामले चालू वित्त वर्ष में निपट जाने चाहिए."

अधिकारी ने बताया कि बैंकों को एनसीएलटी से जुड़े मुद्दों के समाधान से करीब 55,000 करोड़ रुपये हासिल हुए.

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2018-19 में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज निकाले

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 1.2 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों की वसूली की. बैंकों को मुख्य रूप से दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत वसूली से यह सफलता हासिल हुई है.

पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 60,713 करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज वसूले थे.

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अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के तहत कुछ बड़े मामलों के समाधान नहीं हो पाने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1.80 लाख करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए. लेकिन ये मामले चालू वित्त वर्ष में निपट जाने चाहिए."

अधिकारी ने बताया कि बैंकों को एनसीएलटी से जुड़े मुद्दों के समाधान से करीब 55,000 करोड़ रुपये हासिल हुए.


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