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पीएसबी को अगले दो वर्षों में 2.1 लाख करोड़ रुपये तक पूंजी की जरूरत होगी: मूडीज

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Published : Aug 21, 2020, 4:25 PM IST

Updated : Aug 21, 2020, 8:26 PM IST

मूडीज के अनुसार भारत के आर्थिक विकास में तेज गिरावट और कोरोना वायरस के प्रकोप से पीएसबी की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को क्षति पहुंचेगी और ऋण लागत बढ़ेगी.

पीएसबी को अगले दो वर्षों में 2,100 अरब रुपये तक पूंजी की जरूरत होगी: मूडीज
पीएसबी को अगले दो वर्षों में 2,100 अरब रुपये तक पूंजी की जरूरत होगी: मूडीज

नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को अगले दो वर्षों में 2.1 लाख करोड़ रुपये तक बाहरी पूंजी की जरूरत होगी और इस कमी को पूरा करने के लिए सरकारी समर्थन सबसे अधिक भरोसेमंद स्रोत होगा.

मूडीज के अनुसार भारत के आर्थिक विकास में तेज गिरावट और कोरोना वायरस के प्रकोप से पीएसबी की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को क्षति पहुंचेगी और ऋण लागत बढ़ेगी.

मूडीज की उपाध्यक्ष और वरिष्ठ ऋण अधिकारी अल्का अंबरासू ने कहा, "हमारा अनुमान है कि पीएसबी के कमजोर पूंजीगत भंडार, जो इस समय 1.9 लाख करोड़ रुपये है, को देखते हुए उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए अगले दो वर्षों के दौरान 2.1 लाख करोड़ रुपये तक बाहरी पूंजी की जरूरत होगी."

उन्होंने आगे कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली में पीएसबी का दबदबा है, और ऐसे में उनकी किसी भी तरह की विफलता वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है.

ये भी पढ़ें: बरसात के मौसम में लगी सब्जियों की कीमतों में आग

अंबरासू ने कहा, "ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार का समर्थन आगे भी जारी रहेगा."

मूडीज ने 'कोरोना वायरस के चलते बैंकों के पास एक बार फिर होगी पूंजी की कमी' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा कि खासतौर से खुदरा और छोटे कारोबारी ऋणों के चलते परिसंपत्ति की गुणवत्ता बिगड़ जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को अगले दो वर्षों में 2.1 लाख करोड़ रुपये तक बाहरी पूंजी की जरूरत होगी और इस कमी को पूरा करने के लिए सरकारी समर्थन सबसे अधिक भरोसेमंद स्रोत होगा.

मूडीज के अनुसार भारत के आर्थिक विकास में तेज गिरावट और कोरोना वायरस के प्रकोप से पीएसबी की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को क्षति पहुंचेगी और ऋण लागत बढ़ेगी.

मूडीज की उपाध्यक्ष और वरिष्ठ ऋण अधिकारी अल्का अंबरासू ने कहा, "हमारा अनुमान है कि पीएसबी के कमजोर पूंजीगत भंडार, जो इस समय 1.9 लाख करोड़ रुपये है, को देखते हुए उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए अगले दो वर्षों के दौरान 2.1 लाख करोड़ रुपये तक बाहरी पूंजी की जरूरत होगी."

उन्होंने आगे कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली में पीएसबी का दबदबा है, और ऐसे में उनकी किसी भी तरह की विफलता वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है.

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अंबरासू ने कहा, "ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार का समर्थन आगे भी जारी रहेगा."

मूडीज ने 'कोरोना वायरस के चलते बैंकों के पास एक बार फिर होगी पूंजी की कमी' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा कि खासतौर से खुदरा और छोटे कारोबारी ऋणों के चलते परिसंपत्ति की गुणवत्ता बिगड़ जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 21, 2020, 8:26 PM IST
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