नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने गुरुवार को कहा कि भारत अब तक आयात प्रतिस्थापन नीति को आगे बढ़ाता रहा है और भविष्य में देश की नीति अनिवार्य रूप से निर्यात आधारित वृद्धि पर केंद्रित होगी.
आयात प्रतिस्थापन से आशय आयात के बजाय घरेलू खपत के लिये स्थानीय स्तर पर संबंधित उत्पाद के उत्पादन को प्रोत्साहित करने से है. आईएएमएआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कांत ने कहा कि भारत के पास इलेक्ट्रानिक उत्पादों के लिये वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की बड़ी क्षमता है.
उन्होंने कहा, "अब तक हम आयात प्रतिस्थापन पर जोर देते रहे हैं. हमारी नीति अब अनिवार्य रूप से निर्यात आधारित वृद्धि पर केंद्रित होगी."
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कांत ने कहा कि इलेक्ट्रानिक्स के लिये राष्ट्रीय नीति, 2019 में भारत से निर्यात होने वाले इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं को चिन्हित किया गया है. मोबाइल उपकरण सबसे बड़ा खंड है.
उन्होंने कहा, "इसीलिए सरकार ने समिति गठित की है जिसमें नीति आयोग के सीईओ, वित्त सचिव, डीआईपीपी सचिव, एमईआईटीवाई सचिव शामिल हैं. हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं कि कैसे हम बड़े पैमाने पर विनिर्माण करने वाले बन सकते हैं, कैसे भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बना सकते हैं."
कांत ने जोर देकर कहा कि सरकार देश में इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के विनिर्माण के लिये अनुकूल वातावरण सृजित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का दृष्टिकोण दिया है. इसको ध्यान में रखते हुए हम इस दिशा में प्रयास करेंगे और वृद्धि को गति देंगे.