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Gpay पर सूचनाओं का अनधिकृत इस्तेमाल का आरोप, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी एन पटेल तथा जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लि. से भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

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Published : Sep 15, 2021, 10:45 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने एक याचिका पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) तथा रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि गूगल पे अनधिकृत तरीके से लोगों के आधार और बैंकिंग सूचनाओं तक पहुंच रही है और उनका इस्तेमाल कर रही है. साथ ही याचिका में गूगल पे द्वारा इन सूचनाओं को अनधिकृत तरीके से भंडारित करने का भी आरोप लगाया गया है.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी एन पटेल तथा जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लि. से भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा की याचिका पर अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी. याचिका में कहा गया कि गूगल पे के नियम और शर्तों में कहा गया है कि वह पक्षों के भुगतान से संबंधित ब्योरे (बैंक खाते और आधार ब्योरे) को स्टोर कर रही है. जबकि संबंधित प्राधिकरणों की ओर से इस तरह की कोई अनुमति नहीं दी गई है.

याचिका में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की कंपनी होने के नाते गूगल पे नागरिकों की आधार और बैंकिंग सूचनाओं को जुटाने, इस्तेमाल करने और स्टोर करने का अधिकार नहीं है. एक अन्य याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि गूगल पे रिजर्व बैंक से उचित मंजूरी के बिना ही वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने एक याचिका पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) तथा रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि गूगल पे अनधिकृत तरीके से लोगों के आधार और बैंकिंग सूचनाओं तक पहुंच रही है और उनका इस्तेमाल कर रही है. साथ ही याचिका में गूगल पे द्वारा इन सूचनाओं को अनधिकृत तरीके से भंडारित करने का भी आरोप लगाया गया है.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी एन पटेल तथा जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लि. से भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा की याचिका पर अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी. याचिका में कहा गया कि गूगल पे के नियम और शर्तों में कहा गया है कि वह पक्षों के भुगतान से संबंधित ब्योरे (बैंक खाते और आधार ब्योरे) को स्टोर कर रही है. जबकि संबंधित प्राधिकरणों की ओर से इस तरह की कोई अनुमति नहीं दी गई है.

याचिका में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की कंपनी होने के नाते गूगल पे नागरिकों की आधार और बैंकिंग सूचनाओं को जुटाने, इस्तेमाल करने और स्टोर करने का अधिकार नहीं है. एक अन्य याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि गूगल पे रिजर्व बैंक से उचित मंजूरी के बिना ही वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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