नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सार्वजनिक बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इसमें ऋण वितरण में प्रगति समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.
बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेस कर बैठक में लिए गए फैसलों की चर्चा की. जिसमें सीतारमण ने कहा कि छोटे कारोबारियों को जरूरत के समय नकदी उपलब्ध कराने के लिये बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई क्षेत्र को बिल डिस्काउंटिंग सुविधा के तहत नकदी उपलब्ध करायें.
बड़ी कंपनियों से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में दर्ज कराई गई रिटर्न के अनुसार एमएसएमई क्षेत्र का बड़ी कंपनियों पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि एमएसएमई क्षेत्र को उनका बकाया दिवाली से पहले मिल सके. दिवाली 27 अक्टूबर को है.
बैंकों के विलय पर सीतारमण ने कहा कि सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है. बैंक बोर्ड प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहें हैं.
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वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि उद्यमियों, किसानों और दूसरे जरूरतमंदों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिये शामियाना लगाकर खुले में आयोजित लोन मेले में बैंकों ने नौ दिन में कुल मिलाकर 81,781 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया.
बैंकों की ओर से यह आयोजन एक अक्टूबर से शुरू किया गया. वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि उद्यमियों और जरूरतमंदों तक सीधे पहुंच बनाने के इस कार्यक्रम के दौरान कुल 81,781 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया. इसमें 34,342 करोड़ रुपये का नया ऋण शामिल है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी है और यह सुनिश्चित किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि बड़ी कंपनियों की तरफ से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को उनको बकाया जल्द से जल्द जारी कर दिया जाये.