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शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा

वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जनवरी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.89 लाख करोड़ रुपये रहा था. सरकार ने पहले चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान रखा था.

शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा
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Published : Mar 18, 2019, 11:53 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 8:25 PM IST

नई दिल्ली: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. कर की चौथी और अंतिम अग्रिम किश्त का भुगतान प्राप्त होने से कर संग्रह इस स्तर पर पहुंचा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

हालांकि, पूरे देश से अग्रिम कर संग्रह का आंकड़ा आना अभी बाकी है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक आकलन बताता है कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. पूरे वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ें-131 चार्टर्ड अकांउटेंट समूह ने आर्थिक आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया

वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जनवरी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.89 लाख करोड़ रुपये रहा था. सरकार ने पहले चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान रखा था. लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में इसे संशोधित किया गया और लक्ष्य को 50,000 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया गया.

पिछले हफ्ते आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था, "प्रत्यक्ष कर संग्रह के मोर्चे पर हम लक्ष्य पाने को लेकर आश्वस्त हैं. लेकिन अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कूछ कमी आ सकती है."

सरकार ने अंतरिम बजट में सीमाशुल्क संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 1.12 लाख करोड़ रुपये से 1.30 लाख करोड़ रुपये कर दिया था. वहीं माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह के लक्ष्य को 6.43 लाख करोड़ रुपये कर दिया. यह पूर्व में लक्षित 7.43 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह बढ़कर 7.61 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद जताई गई है.

(भाषा)

नई दिल्ली: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. कर की चौथी और अंतिम अग्रिम किश्त का भुगतान प्राप्त होने से कर संग्रह इस स्तर पर पहुंचा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

हालांकि, पूरे देश से अग्रिम कर संग्रह का आंकड़ा आना अभी बाकी है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक आकलन बताता है कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. पूरे वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया है.

ये भी पढ़ें-131 चार्टर्ड अकांउटेंट समूह ने आर्थिक आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया

वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जनवरी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.89 लाख करोड़ रुपये रहा था. सरकार ने पहले चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान रखा था. लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में इसे संशोधित किया गया और लक्ष्य को 50,000 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया गया.

पिछले हफ्ते आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था, "प्रत्यक्ष कर संग्रह के मोर्चे पर हम लक्ष्य पाने को लेकर आश्वस्त हैं. लेकिन अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कूछ कमी आ सकती है."

सरकार ने अंतरिम बजट में सीमाशुल्क संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 1.12 लाख करोड़ रुपये से 1.30 लाख करोड़ रुपये कर दिया था. वहीं माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह के लक्ष्य को 6.43 लाख करोड़ रुपये कर दिया. यह पूर्व में लक्षित 7.43 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह बढ़कर 7.61 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद जताई गई है.

(भाषा)

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शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा

नई दिल्ली: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. कर की चौथी और अंतिम अग्रिम किश्त का भुगतान प्राप्त होने से कर संग्रह इस स्तर पर पहुंचा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. 

हालांकि, पूरे देश से अग्रिम कर संग्रह का आंकड़ा आना अभी बाकी है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक आकलन बताता है कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. पूरे वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. 

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वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जनवरी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.89 लाख करोड़ रुपये रहा था. सरकार ने पहले चालू वित्त वर्ष में 11.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान रखा था. लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में इसे संशोधित किया गया और लक्ष्य को 50,000 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया गया. 

पिछले हफ्ते आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था, "प्रत्यक्ष कर संग्रह के मोर्चे पर हम लक्ष्य पाने को लेकर आश्वस्त हैं. लेकिन अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कूछ कमी आ सकती है." 

सरकार ने अंतरिम बजट में सीमाशुल्क संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 1.12 लाख करोड़ रुपये से 1.30 लाख करोड़ रुपये कर दिया था. वहीं माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह के लक्ष्य को 6.43 लाख करोड़ रुपये कर दिया. यह पूर्व में लक्षित 7.43 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह बढ़कर 7.61 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद जताई गई है.

 (भाषा)


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Last Updated : Mar 19, 2019, 8:25 PM IST
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