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अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद, लॉकडाउन के बाद वापस मिलेगी नौकरी: सर्वे - सर्वे

इप्सोस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद है कि लॉकडाउन में लागू प्रतिबंधों के हटने के बाद जिन लोगों की नौकरी चली गई है, वह उन्हें वापस मिल जाएगी.

अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद, लॉकडाउन के बाद वापस मिलेगी नौकरी: सर्वे
अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद, लॉकडाउन के बाद वापस मिलेगी नौकरी: सर्वे
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Published : Jun 7, 2020, 4:46 PM IST

नई दिल्ली: इप्सोस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद है कि लॉकडाउन में लागू प्रतिबंधों के हटने के बाद जिन लोगों की नौकरी चली गई है, वह उन्हें वापस मिल जाएगी.

एक बयान में इप्सोस ने कहा कि वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रतिबंध हटने के बाद नौकरियां वापस मिलने को लेकर भारतीय सबसे आशावादी पाए गए.

ये भी पढ़ें- अनलॉक-1 में फिटनेस फ्रीक हुए लोग, साइकिल मार्केट में मांग बढ़ी

बयान में कहा गया, "सर्वेक्षण में शामिल किए गए सभी 16 बाजार में प्रतिबंध हटने के बाद भारतीयों को नौकरियां वापस पाने को लेकर सबसे आशावादी पाया गया. करीब 73 प्रतिशत शहरी भारतीयों का यही मानना है. जबकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील ने इस पर बंटे हुए विचार साझा किए."

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदरकर ने कहा, "हम कुछ क्षेत्रों में हलचल देख रहे हैं जो कि महामारी की छाया से बाहर निकल रहे हैं."

नौकरियों की वापसी को लेकर सबसे निराशावादी फ्रांस रहा, जिसमें प्रतिबंध हटने के बाद भी 69 प्रतिशत लोगों ने नौकरी वापस न मिलने की संभावना जताई. स्पेन में 62 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका में 61 प्रतिशत लोग इस मामले में निराशावादी पाए गए.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: इप्सोस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश शहरी भारतीयों को उम्मीद है कि लॉकडाउन में लागू प्रतिबंधों के हटने के बाद जिन लोगों की नौकरी चली गई है, वह उन्हें वापस मिल जाएगी.

एक बयान में इप्सोस ने कहा कि वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रतिबंध हटने के बाद नौकरियां वापस मिलने को लेकर भारतीय सबसे आशावादी पाए गए.

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बयान में कहा गया, "सर्वेक्षण में शामिल किए गए सभी 16 बाजार में प्रतिबंध हटने के बाद भारतीयों को नौकरियां वापस पाने को लेकर सबसे आशावादी पाया गया. करीब 73 प्रतिशत शहरी भारतीयों का यही मानना है. जबकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील ने इस पर बंटे हुए विचार साझा किए."

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित अदरकर ने कहा, "हम कुछ क्षेत्रों में हलचल देख रहे हैं जो कि महामारी की छाया से बाहर निकल रहे हैं."

नौकरियों की वापसी को लेकर सबसे निराशावादी फ्रांस रहा, जिसमें प्रतिबंध हटने के बाद भी 69 प्रतिशत लोगों ने नौकरी वापस न मिलने की संभावना जताई. स्पेन में 62 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका में 61 प्रतिशत लोग इस मामले में निराशावादी पाए गए.

(आईएएनएस)

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