नई दिल्ली: केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को ऑटो सेक्टर से संबंधित बड़े उद्योगपतियों से बात की. बैठक में ऑटो सेक्टर को संकट के दौर से निकालने पर बात हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में ऑटो सेक्टर से जुड़े उद्योगपतियों ने कोरोना संकट के दौरान ऑटो सेक्टर को हो रही मुश्किलों पर विस्तार से बात की.
बैठक के बाद केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैठक में ऑटो सेक्टर उत्पादन से जुड़े उद्यमियों से सभी मुद्दों पर खुलकर बात हुई. बैठक में लॉकडाउन खत्म होने के बाद कैसे इस सेक्टर को फिर से खोला जा सकता है और पटरी पर लाया जा सकता है ,इस पर चर्चा हुई है.
उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने, मांग और आपुर्ति बढ़ाने, रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
भारी उद्योग मंत्री ने कहा, "बैठक में उद्योग जगत की तरफ से कई सुझाव आए हैं. मसलन जब कर्मचारी काम पर वापस लौटेंगे तो किस प्रकार से कंपनियों में बैच टेस्टिंग होगी. काम करते वक्त सामाजिक दूरी कैसे रखी जा सकती हैं. वाहनों की खरीद के लिए ऑनलाइन बिक्री कैसे की जा सकती है. कैसे केन्द्र सरकार के दिशा निदेशरें के मुताबिक बिक्री केन्द्र बनाया जा सकता है ,जहा पृरी तरह से सैनिटाइजेशन हो, 6 फुट की दूरी कैसे रखी जा सकती है, इन तमाम बातों पर उद्योगों के प्रमुखों की तरफ से सुझाव आए हैं."
उन्होंने कहा, "ऑटो सेक्टर के लोगो की यह मांग थी कि ऑटो उत्पादों पर जीएसटी कम किया जाय. कोविड -19 के दौर में किस तरह जीवकोपार्जन को बढ़ाया जा सकता है ,उस पर विस्तार से चर्चा हुई."
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जावड़ेकर ने यह भी कहा कि ऑटो जगत ने कोविड-19 को रोकने के लिए सरकार की कोशिशों की जमकर तारीफ की.
गौरतलब है कि भारी उद्योग मंत्रालय की इस बैठमें भारी उद्योग राज्यमंत्री अजुर्न राम मेघवाल और ऑटो सेक्टर से जुड़े कई बड़े उधोगपति शामिल हुए. मीटिंग में मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव, हीरो मोटर ग्रुप के सीईओ पवन मुंजाल, टोयटा किर्लोस्कर ग्रुप के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ,महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रेसिडेंट राजन वधेड़ा और हुंडई ग्रुप के सीईओ एस.एस. किम समेत कई और लोग मौजूद थे.
(आईएएनएस)