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पूरे भारत में 5जी सेवाएं शुरु करने में लग सकते 2.3 लाख करोड़ रुपये: रिपोर्ट - रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 5जी नेटवर्क के विस्तार के लिए स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं और अखिल भारतीय स्तर पर कवरेज देने के लिए मध्यम या निचले बैंड स्पेक्ट्रम पर फाइबर सुविधा का विकास जैसे तीन प्रमुख घटकों पर कुल 2,300 अरब रुपये पूंजीगत व्यय होने का अनुमान है.

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Published : Oct 19, 2020, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में 5जी सेवाएं शुरू करने पर क्रमश: 87 अरब और 100 अरब रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय आने का अनुमान है. वित्तीय परामर्श कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही.

कंपनी ने 5जी सेवाओं के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा 100 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम के लिए रखे गए आरक्षित मूल्य और इसके लिए अनिवार्य बुनियादी ढांचे पर आने वाले अनुमानित खर्च के आधार पर यह अनुमान लगाया है.

ये भी पढ़ें- मार्केट राउंडअप: सेंसेक्स 449 अंक उछला, पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर

कंपनी की दूरसंचार रपट के मुताबिक मुंबई में 100 मेगाहर्ट्ज का मध्यम बैंड स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 84 अरब रुपये की जरूरत होगी. वहीं बेहतर सेवा देने के लिए लगभग 9,000 टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करनी होगी. इस पर भी कंपनियों को लगभग 18 अरब रुपये का निवेश करना होगा.

इस तरह मुंबई अकेले में 5जी सेवा शुरू करने के लिए 100 अरब रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय करना होगा. वहीं नीलामी की प्रक्रिया में स्पेक्ट्रम बोली का मूल्य बढ़ने पर यह लागत और व्यय और बढ़ सकता है.

दिल्ली में भी इसी तरह से 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए कुल 87 अरब रुपये का पूंजीगत व्यय करने की जरूरत होगी.

यह अनुमान 100 मेगाहर्ट्ज मध्यम स्पेक्ट्रम के लिए 69 अरब रुपये को आरक्षित मूल्य मानते हुए लगाया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 5जी नेटवर्क के विस्तार के लिए स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं और अखिल भारतीय स्तर पर कवरेज देने के लिए मध्यम या निचले बैंड स्पेक्ट्रम पर फाइबर सुविधा का विकास जैसे तीन प्रमुख घटकों पर कुल 2,300 अरब रुपये पूंजीगत व्यय होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में 5जी सेवाएं शुरू करने पर क्रमश: 87 अरब और 100 अरब रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय आने का अनुमान है. वित्तीय परामर्श कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही.

कंपनी ने 5जी सेवाओं के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा 100 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम के लिए रखे गए आरक्षित मूल्य और इसके लिए अनिवार्य बुनियादी ढांचे पर आने वाले अनुमानित खर्च के आधार पर यह अनुमान लगाया है.

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कंपनी की दूरसंचार रपट के मुताबिक मुंबई में 100 मेगाहर्ट्ज का मध्यम बैंड स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 84 अरब रुपये की जरूरत होगी. वहीं बेहतर सेवा देने के लिए लगभग 9,000 टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करनी होगी. इस पर भी कंपनियों को लगभग 18 अरब रुपये का निवेश करना होगा.

इस तरह मुंबई अकेले में 5जी सेवा शुरू करने के लिए 100 अरब रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय करना होगा. वहीं नीलामी की प्रक्रिया में स्पेक्ट्रम बोली का मूल्य बढ़ने पर यह लागत और व्यय और बढ़ सकता है.

दिल्ली में भी इसी तरह से 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए कुल 87 अरब रुपये का पूंजीगत व्यय करने की जरूरत होगी.

यह अनुमान 100 मेगाहर्ट्ज मध्यम स्पेक्ट्रम के लिए 69 अरब रुपये को आरक्षित मूल्य मानते हुए लगाया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 5जी नेटवर्क के विस्तार के लिए स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं और अखिल भारतीय स्तर पर कवरेज देने के लिए मध्यम या निचले बैंड स्पेक्ट्रम पर फाइबर सुविधा का विकास जैसे तीन प्रमुख घटकों पर कुल 2,300 अरब रुपये पूंजीगत व्यय होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

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